क़ाहिरा, ०९ नवंबर (आई ए एन एस) मिस्री ओहदेदारों ने फ़ैसला किया है कि वो वेब साईट पर फ़हश (अश्लील) मवाद (Material/ सामग्री) तक रसाई (पहुंच ) पर इम्तिना ( प्रतिबंध) आइद कर देंगे।
वकील इस्तिग़ासा के दफ़्तर के एक तर्जुमान अब्दुल मक़ीत महमूद ने कहा कि मक्तूबात (खत) के ज़रिया मुवासलाती ( Communication) रब्त पैदा किया गया है। वज़ारत-ए-दाख़िला और वज़ारत इत्तिलाआत (सूचना मंत्रालय) अदालत के 3 साल क़दीम फ़ैसले को नाफ़िज़ करेंगी, जिस के तहत ऑनलाइन फ़हश फिल्मों पर चाहे वो वीडीयो की शक्ल में हो, इम्तिना आइद किया गया था।
ये फ़ैसला क़ानूनसाज़ी के बाद नशर कर दिया गया ताकि कोई भी मुवासलाती ज़राए इस इम्तिना की ख़िलाफ़वर्ज़ी करते हुए फ़हश और उर्यां ( अश्लील) अक्स पेश ना कर सके जो मिस्री रिवायात के ख़िलाफ़ है।