क़ाहिरा मिस्र में पुर्व राष्ट्रपती हुसनी मुबारक की सत्ता से बेदखली के बाद खत्म होजाने वाले कानुन की जगह मुल्क में नये कानुन तैयार करने वालि कमेटी के चुनाव पर सब कि राय में एकता होगइ हैं । इस एकता के बाद उम्मीद है कि अगले हफ़्ते इन असेंबली सदस्यों का चुनाव होजाएगा जो इस पैनल के सदस्य होंगे।
मुल्क के फ़ौजी हाकिम हुस्न तनतावी और 22 सियासी पार्टीयों के नुमाइंदों की इस बातचीत में ये भी तय पाया है कि पैनल के किसी भी फ़ैसले को लागु करने के लिए उसे 67 फ़ीसद सदस्यों की हिमायत हासिल करना लाज़िम होगा।मिस्र में कानुन बनाने के लिए बनाये गए पहले पैनल को 10 अप्रैल को इस वक़्त खत्म कर दिया गया था जब लिबरल और सैक्युलर ख़्यालात के हामीयों ने ये कहते हुए इस का बाईकोट कर दिया था कि इस पैनल में इस्लाम पसंदों का ग़लबा है।
अख़बारी मुबस्सिरीन का कहना है कि मिस्र में कानुन की तैयारी में अहम तरीन बेहस का मौज़ू यक़ीनन यही होगा कि इस में किस हद तक इस्लामी कानुनों की रियायत की जाएगी।मिस्र इसी माह की 16 और 17तारीख़ को राष्ट्रपती चुनाव के दुसरे मरहले से भी गुज़रेगा जिस में वोटर इख़वान उल मुस्लिमीन के उम्मीदवार मुहम्मद मर्सी और पुर्व प्रधानमंत्री अहमद शफ़ीक़ में से किसी एक को मुलक का नया सदर चुनेंगे।
कानुन बनाने वाला पैनल में100 सदस्य होंगे और इस में सियासी रहनुमा, फ़ौज, अदलिया और ट्रेड यूनीयन के नुमाइंदों के इलावा मुसलमान और ईसाई मज़हबी रहनुमा भी शामिल होंगे।