काहिरा, 4 जुलाई: मिस्र की फौज की ओर से आइन को मुअत्तल कर सदर मोहम्मद मुर्सी को ओहदा से हटाने के बाद अब मुल्क के चीफ जस्टिस अदली मंसूर आबूरी सदर के ओहदे की हलफ लेंगे।
कौमी टेलीविज़न पर जारी अपने पैगाम में फौज के चीफ जनरल अब्देल फ़तह अल-सीसी ने कहा कि आबूरी हुकूमत नए सदर का इलेक्शन होने तक काम करेगी।
मिस्र के सियासी बोहरान के हल के लिए सदर मोहम्मद मुर्सी और अपोजिशन को दिया गया वक्त ख़त्म होने के बाद राजधानी काहिरा के कई इलाक़ों में फौज के टैंक तैनात हो गए हैं। फौज सड़कों पर गश्त लगा रही है।
इस बीच मुस्मिल ब्रदरहुड मुहिम ने कहा है कि मोहम्मद मुर्सी और उनके सलाहकारों को हिरासत में रखा गया है। उनसे राबिता नहीं हो पा रहा है।
इस बीच अमेरिकी सदर बराक ओबामा ने कहा है कि वह ताज़ा वाकिया को लेकर “बेहद फिक्रमंद ” हैं और उन्होंने जल्द से जल्द शहरी हुकूमत बहाल करने की उम्मीद जताई है।
ओबामा ने मिस्र को मिलने वाली अमेरिकी मदद का जायज़ा लेने के लिए भी कहा है। अमेरिकी क़ानून के मुताबिक़ आवाम के ज़रिए चुने गए लीडर को फौज के ज़रिए माज़ूल करने की हालत में मिस्र को मिलने वाली अमेरिकी मदद रोक दी जाती है।
हुक्मरान मुस्लिम ब्रदरहुड ने फौज के क़दम को तख्तापलट करार दिया है। अपने फ़ेसबुक पेज पर मोहम्मद मुर्सी ने फौज के कदम को तख्तापलट करार दिया है। उनके हामियों और पार्टी हामियो ने जनता की मुखालिफत के सामने झुकने से इनकार कर दिया है।
इस बीच फौज ने टैंक और बख़्तरबंद गाड़ियां उन इलाकों में लगाई हैं जहां सदर मोहम्मद मुर्सी के हामी इकट्ठे हैं। उधर, हज़ारो की तादाद मुर्सी मुखालिफ तहरीर चौक पर जश्न मना रहे हैं।
दूसरी ओर पूरे मिस्र में हुकूमत और अपोजिशन के हामियों की तरफ से जारी मुज़ाहिरा के दौरान रात भर झड़पें जारी रहीं। काहिरा यूनिवर्सिटी में हुए मुज़ाहिरे में कम से कम 16 मुर्सी हामियो के मारे जाने की ख़बर है।
इससे पहले फौज ने इंतेबाह दिया था कि मुर्सी को ‘लोगों की माँगें माननी चाहिए’ या फिर फौजी मुदाखिलत के लिए तैयार रहें। मुर्सी ने इस इंतेबाहको ख़ारिज कर दी। फौज की ओर से दी जाने वाली मियाद दो बजकर तीस मिनट पर खत्म हो गई।
मुर्सी ने एक बार फिर दोहराया कि वह इस्तीफ़ा नहीं देंगे लेकिन काहिरा में उनकी मौजूदगी को लेकर अलग-अलग ख़बरें हैं। मुर्सी के हामियों ने सोशल मीडिया पर फौज की कार्रवाई को तख्तापलट बताया है
ख़बरों के मुताबिक मिस्र के अफ़सरों ने सदर मुर्सी और मुस्लिम ब्रदरहुड के सीनीयर लीडरो केमुल्क छोड़ने पर रोक लगा दी है। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि वह मिस्र के हालात को लेकर काफ़ी फिक्रमंद है।
कौमी टेलीविज़न ने ख़बर दी है कि फौज की सियासी रोडमैप का ऐलान अल-अज़हर यूनिवर्सिटी के शेख करेंगे। उनके साथ इस ऐलान के दौरान कॉप्टिक चर्च के चीफ और अपोजिशन लीडर मोहम्मद अल बारादेई भी होंगे।
अल-अज़हर को मिस्र का सबसे ज़्यादा मुमताज़ इस्लामी इदारा माना जाता है।
ख़बर हैं कि तीनों की फ़ौजी लीडरों से बातचीत चल रही है। कौमी ज़्यूज़ एजेंसी ने मुकामी मीडिया की उन ख़बरों की तसदीक की है जिसमें मुहिम के तहत नए सदर और संसद के इलेक्शन से पहले कुछ वक़्त तक बदलाव का वक़्त रहने की बात कही गई है।
सदर मुर्सी के मुखालिफो का कहना है कि वह और उनकी मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी मुल्क पर एक इस्लामी एजेंडा थोप रहे हैं। इसलिए उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
सदर मुर्सी ने मंगल की रात टेलीविजन पर अपने तकरीर में कहा कि वह सफ्फाफ तरीके से मुंसिफाना इंतेखाबात के ज़रिए मुल्क के सदर चुने गए हैं और वह मरते दम तक अपने आइनी ओहदे की हिफाज़त करेंगे।
सदर मुर्सी की त\करीर के बाद फौज की ओर से सामाजी मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर एक पैगान ‘फाइनल ओवर यानी आखिरी घंटे’ शाय किया गया।
मंगल को जारी एक बयान में फौज ने अज़्म लिया कि “हम अल्लाह की क़सम खाते हैं कि हम किसी दहशतगर्द , शिद्दतपसंदो से मिस्र और उसके लोगों को बचाने के लिए अपना ख़ून भी बहा देंगे।”
अपोजिशन तहरीक तमारुद यानी बागी ने पीर के दिन अल्टीमेटम जारी किया था कि अगर सदर मुर्सी मुकामी वक्त के मुताबिक मंगल की शाम पांच बजे तक इक्तेदार से अलग नहीं हुए तो उनके खिलाफ सिविल की नाफरमानी की तहरीक चलायी जाएगी।