मिस्र में नफ़ाज़े शरीयत को यक़ीनी बनाने कुछ वक़्त दरकार

हैदराबाद 4 फ़रवरी (सियासत न्यूज़) मिस्र में नफ़ाज़े शरीयत को यक़ीनी बनाने के लिए कुछ वक़्त दरकार है। आज़ाद ख़्याली और मग़रिबियत पर अचानक सख़्तगीर पाबंदीयों से आज़ाद ख़्याल लोग हुकूमत के ख़िलाफ़ मुज़ाहिरों का आग़ाज़ कर चुके हैं लेकिन ये मुज़ाहिरे मिस्र को मुतज़लज़ल नहीं कर पाऐंगे।

डाक्टर अल सैयद मकावी अस्सिटेंट प्रोफ़ेसर मीनोफ़या यूनीवर्सिटी मिस्र ने अपने दौरा इदारा सियासत के दौरान स्टाफ़ रिपोर्टर सियासत से हुई ख़ुसूसी बात-चीत में इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्हों ने बताया कि बहारे अरब के बाद हालात यकसर तबदील हुए और अवाम ने इख़वान को मुंतख़ब कर लिया।

जल्दबाज़ी में किए जा रहे फ़ैसलों के सबब इख़वान को अवामी बरहमी का सामना करना पड़ रहा है। डाक्टर मकावी ने बताया कि अवामी नज़रियात के साथ साथ इजतिमाई हालात और इक़दाम को नज़र में रखते हुए अगर फ़ैसले किए जाते हैं तो ऐसी सूरत में वो ज़रूर कामयाब होते हैं। लेकिन इख़वान की जानिब से उजलत के मुज़ाहरा के सबब एक तबक़ा में नाराज़गी पाई जाती है।

उन्हों ने बताया कि बहारे अरब के सिलसिला का जिस तरह त्यूनस से आग़ाज़ हुआ वो हमारे लिए तहरीक का बाइस बना। उन्हों ने बताया कि वो इस बात का एतराफ़ करने में कोई क़बाहत नहीं समझते कि बहारे अरब त्यूनस में आग़ाज़ से तहरीक हासिल करते हुए दीगर ममालिक तक पहुंची है।

डाक्टर मकावी ने बताया कि अगर इख़वानुल मुस्लिमीन दीगर सयासी जमातों के एतिमाद और अवामी राय के साथ नफ़ाज़े शरीयत के उसूलों को मुरत्तिब करने के इक़दामात करे तो हालात में इस हद तक बिगाड़ पैदा नहीं होता।

उन्हों ने बताया कि मिस्री अवाम और इख़वान दोनों इस बात को अच्छी तरह से समझने लगे हैं और हालात बतदरीज बेहतर होने के इमकान हैं। डाक्टर मकावी ने बताया कि इन्क़िलाब मिस्र या बहारे अरब की इस तहरीक में वो ख़ुद भी शामिल थे और मुज़ाहिरीन और एहतेजाजीयों के जज्बा और जुनून को देख कर ऐसा महसूस हो रहा था कि ये क़ौम हक़ हासिल करने तक अपना मुक़ाम नहीं छोड़ेगी।

उन्हों ने बताया कि तहरीर स्क्वायर या किसी और चौराहे पर मौजूद नौजवान शऊर की अलामत बने हुए थे। क़ब्लअज़ीं डाक्टर अल सैयद मकावी ने मैनेजिंग एडीटर रोज़नामा सियासत जनाब ज़हीर उद्दीन अली ख़ांन के हमराह मुख़्तलिफ़ उमूर पर तबादला-ए-ख़्याल किया
और इदारा सियासत की फ़लाही ख़िदमात और ख़त्ताती के नमूनों के मुताल्लिक़ आगाही हासिल की। इस मौक़ा पर मौलाना डाक्टर सैयद जहांगीर के इलावा दीगर मौजूद थे।