हिंदुस्तान मिस्र में एक अज़ीम तरीन फ़ेस्टीवल का इनेक़ाद कर रहा है हालाँकि मिस्र में इस वक़्त सियासी बेचैनी के इलावा इंतेहा पसंदों के हमलों का सिलसिले भी जारी है। ताहम इस फ़ेस्टीवल के ज़रीए ये पैग़ाम दिया जा रहा है कि मिस्र आज भी सैयाहों के लिए एक महफ़ूज़ मुक़ाम है।
हिंदुस्तानी सफ़ीर मुतैयना मिस्र नवदीप सूरी ने ये बात कही। उन्हों ने कहा कि वज़ारते सक़ाफ़त और स्याहत ने मुजव्वज़ा18 रोज़ा फ़ेस्टीवल इंडिया “बाई दी फाईल” (हिंदुस्तान दरयाए नील के किनारे) जब इस फ़ेस्टीवल के ताल्लुक़ से हमारी दियानतदारी और बेखौफो ख़तर होने का मौक़िफ़ देखा तो हैरान रह गई।
लिहाज़ा वज़ारत के कई ओहदेदार भी बिला ताम्मुल हमारे साथ शामिल हो गए। हालाँकि गुज़िशता साल हम ने मिस्र के बारे में जो तास्सुर दिया था कि वहां के हालात सैयाहों के लिए साज़गार नहीं हैं क्योंकि मुलक बद अमनी के दौर से गुज़र रहा है।
उस वक़्त मौक़िफ़ को जानने के बाद कई ममालिक ने अपने शहरीयों को मिस्र का दौरा ना करने की हिदायत की थी। अमिताभ बचन कल ओपेरा हाउस में अपनी फ़िल्मी ज़िंदगी के बारे में ख़ुसूसी तौर पर अमर अकबर एन्थोनी के बारे में बात करेंगे। फ़ेस्टीवल 17 अप्रैल तक जारी रहेगा, जिस का आग़ाज़ आज हो चुका है।