शम्स तबरेज, सियासत न्यूज़ ब्यूरो—लखनऊ।
दिलदारनगर(ग़ाज़ीपुर): उत्तर प्रदेश में कैबिनेट और पर्यटन मंत्री रह चुके ओम प्रकाश सिंह इन दिनों अपनी सीट बचाने की जुगत में व्यस्त हैं, सोमवार को उत्तर प्रदेश प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के दिलदारनगर स्थित एस.के.बी.एम. डिग्री कालेज में नगर विकास मंत्री आज़म खां का एक चुनावी कार्यक्रम में आगमन था। आज़म खां के आगमन से पहले ओम प्रकाश का सियासत लखनऊ ब्यूरो से बातचीत हुई। सियासत से बात करते हुए हुए ओम प्रकाश सिंह ने शुरूआत मोदी जी से की और समापन यूपी—बिहार पर।
ओम प्रकाश ज़मानियां विधानसभा के सपा प्रत्याशी हैं। इस बार ओम प्रकाश को टक्कर देने के लिए भाजपा ने सुनीत सिंह को उतारा है, वहीं अतुल राय ने हाथी पर सवारी करके साईकल को अपना कद दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
अतुल राय एक आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं—ओम प्रकाश सिंह
सियासत लखनऊ ब्यूरो ने ओम प्रकाश सिंह से बात करते हुए पूछा कि ‘अतुल राय ने एक इंटरव्यू में कहा है, कि ज़मानियां विधानसभा विकास के मामले में सबसे निचले पायदान पर है अगर अबकी बार आपकी सरकार आती है, तो आप ज़मानियां के विकास के लिए कौन—कौन से कार्यो पर फोकस करेगे और ज़मानियां विधनसभा के मुसलमानों के लिए क्या करेंगे?
जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि ‘अतुल राय के बारे बोलना उनके राजनैतिक जीवन में सबसे शर्मनाक दिन है, अगर वो विकास की बात करते हैं तो विनाश को कौन करेगा?’
ओम प्रकाश ने किया पत्रकार का अपमान बोले मानसिक संतुलन ठीक नहीं
ओम प्रकाश ने बाहरी और निवासी के तर्ज पर बात करते हुए कहा कि ‘अतुल राय ज़मानियां के हैं ही नहीं।’ इस बात पर जब सियासत ने उनसे पूछा कि ‘आप भी तो बिहार के मूल निवासी हैं?’ इतना सुनना ही था कि ओम प्रकाश भड़क गए और कहा कि ‘अगर यही आपकी जानकारी है तो आपका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।’
क्या ओम प्रकाश का बिहारी है?
बिहारी होने के सवाल पर ओम प्रकाश ने कहा कि उनका बिहार से कोई सम्बन्ध नहीं है और उत्तर प्रदेश उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि है।
ओम प्रकाश ने ये भी कहा कि बिहार से उनका और उनके पूर्वजों का कोई सम्बन्ध नहीं है। लेकिन सियासत के पास जितनी जानकारी मिली है उस हिसाब से ओम प्रकाश बिहार के ‘दिनारा’ क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हैं।
बाहरी और निवासी की राजनीति में उलझे ओम प्रकाश
ज़मानियां के विकास के लिए पूछा गया सवाल जस का तस बना रहा लेकिन ओम प्रकाश सिंह ने यूपी और बिहारी के चक्कर में सवाल का जवाब भी नहीं दिया। भले ही ओम प्रकाश सिंह इससे इंकार कर रहे हो, लेकिन बाहरी और निवासी की समाज बाटने वाली विचारधारा पर समाजवादी पार्टी के इन नेताओं को पुन: विचार करना चाहिए क्योंकि समाजवादी पार्टी में नेताजी कहे जाने वाले सीएम अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव एक बाहरी होते हुए भी आज़मगढ़ के सांसद हैं, लेकिन मुलायम सिंह यादव को बाहरी कहने की हिम्मत किसी भी सपा नेता का राजनैतिक भविष्य समाप्त करने के लिए काफी है।
कौन हैं अतुल राय?
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुख्तार अंसारी एक जाना माना नाम हैं। मुख्तार के समर्थक ये मानते हैं कि जिस तरह ज़मानियां की सड़कों पर टायर बोलता है उसी प्रकार पूर्वांचल में मुख्तार का नाम बोलना है। अतुल राय को मुख्तार अंसारी का समर्थन हासिल है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण शनिवार को अफज़ाल अंसारी का अतुल राय के समर्थन में उसियां गांव के फुटबाल स्टेडियम में देखने को मिला और अतुल राय की बढ़ती लोकप्रियता ही है जो मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से दिलदारनगर आने के लिए मजबूर कर दिया। जिसका दूसरा उदाहरण तब देखने को मिला जब सोमवार को दिलदारनगर के समीप मिर्चा गांव में अब्बास अंसारी ने अतुल राय के समर्थन में अपना नारा बुलंद किया। ज़मानियां विधानसभा क्षेत्र के मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग अतुल राय के समर्थन में खड़ा है।
बारा का छोकरा अतुल राय
अतुल राय ज़मानियां विधानसभा के बारा गांव के समीप बीरपुर के रहने वाले लेकिन अतुल राय खुद को बारा गांव का मानते हैं। बारा गांव से अतुल राय को खासा रूझान मिल रहा है और ओम प्रकाश को अपना परम्परागत सीट बचाना एक चुनौती बन चुका है।
हालांकि अतुल राय ज़मानियां विधानसभा के पड़ोसी हैं और ग़ाज़ीपुर ज़िले के ही हैं, जिनको बाहरी कहना ओम प्रकाश के राजनैतिक विरोधियों के गले नहीं उतर रहा।
ओम प्रकाश सिंह के मन में मीडिया का डर
बाहरी और निवासी की इस जंग में किसका दावा कितना सही है इसका फैसला 8 तारीख को ज़मानियां विधानसभा की जनता सुनाएगी। अक्सर नेताओं की यही इच्छा होती है कि उनसे उनके इच्छानुसार सवाल पूछा जाए और पत्रकारिता ऐसे नेताओं की इच्छा का सम्मान नहीं करती, लेकिन पत्रकारों से इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करके कहीं न कहीं ओम प्रकाश सिंह ने अपने मन मे बैठे डर को उजागर किया है।