ब्रिटेन के मशहूर अख़बार द इंडिपेंडेंट’ के संपादक, अमोल राजन ने कहा कि वह भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए बाम्बे नाम का ही इस्तेमाल करेगा |
उन्होंने कहा कि मैं हिंदू राष्ट्रवादियों की संकीर्ण मानसिकता के साथ न होकर भारत की उस परम्परा के साथ होना चाहूँगा जो सारी दुनिया के लिए खुली है |
राजन ने कहा कि बॉम्बे का असली मतलब एक खुला सर्वदेशीय पोर्ट सिटी है जो भारत का गेटवे है और दुनिया के लिए खुला हुआ है | अगर आप इसे मुंबई नाम से पुकारते हैं जैसा कि हिंदू राष्ट्रवादी आपसे चाहते हैं, तो निश्चित तौर पर आप उनका काम करते हैं |
उनका कहना है कि बम्बई शहर का नाम मुंबई शिवसेना द्वारा 1995 में मुम्बादेवी जो कि मछुवारों की रक्षक मानी जाती हैं , के नाम पर रखा गया था और बतौर एक पत्रकार और संपादक यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी शब्दावली को लेकर स्पष्ट रहें।
उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की और इशारा करते हुए कहा कि मैं भारत की उस परम्परा के साथ जाना पसंद करूंगा जो सभी के लिए खुली थी बजाय उस परम्परा के जिसमें एक के अलावा किसी और के लिए जगह नहीं है जैसा मौजूदा दौर में हो रहा है |
राजन ने कहा कि भारत के विभाजन के बाद इन दो अलग अलग परम्पराओं के बीच एक अजीब परेशानी भरा रिश्ता रहा है,, एक वह परम्परा जो फाउंडिंग फादर जैसे डा० बी आर अम्बेडकर, नेहरु ,पटेल और गाँधी की थी जो धर्मनिरपेक्ष बहुलवाद और सहिष्णुता के साथ थे दूसरी इसके विपरीत परम्परा हिन्दू राष्ट्रवाद की थी जो भाजपा और शिवसेना के रूप में अभी भी मौजूद है |
राजन के मुताबिक़ बाम्बे नाम की जड़ें पुर्तगाली नाम बाम बाहिया या अच्छी खाड़ी में है लेकिन शिव सेना ने केंद्र सरकार की इच्छा के ख़िलाफ़ नाम बदलने पर ज़ोर दिया |