मुंबई डिब्बा वाला मॉडल पर हैदराबाद में अमल मुम्किन

घर की ग़िज़ा सब से अच्छी , डिब्बा वाला असोसी एष्ण के पवन अग्रवाल का तास्सुर

हैदराबाद। 22 अक्तूबर (सियासत न्यूज़) चीफ़ एकज़ीकटीव ऑफीसर मुंबई डिब्बा वाला असोसी एष्ण पूंजी अग्रवाल ने कहा कि हैदराबाद में मुंबई डिब्बा वाला मॉडल मुम्किन है और इस शहर की वुसअत ने इस कारोबार के इमकानात को बढ़ा दिया है। ताहम उन्हों ने कहा कि ये उसी वक़्त मुम्किन है जब इस शहर की जानिब से कुछ पेशरफ़त हो। मिस्टर अग्रवाल ने यूनीवर्सिटी आफ़ हैदराबाद में कल एक मुज़ाकरा से ख़िताब करते हुए कहा कि मुंबई डिब्बा वाले यहां नहीं आसकते हैं और काम नहीं करसकते हैं चूँकि ज़बान कल्चर और जुग़राफ़ियाई इलाक़ा मुख़्तलिफ़ है मगर कोई हैदराबाद में इस तरीक़ा-ए-कार को इख़तियार करना चाहता है तो वो मुंबई डिब्बा वालों की मदद ले सकता है। उन्हों ने कहा कि वो शख़्सी तौर पर समझते हैं कि यहां भी ये मेकानिज़म शुरू किया जाय तो बेहतर होगा। इस मुज़ाकरा का एहतिमाम सी आई आई। यंग इंडियंस ने किया है। उन्हों ने डिब्बा वालों के काम करने के अंदाज़ और उन के कल्चर पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस मॉडल के कामयाब होने में एतिमाद का अहम किरदार है। अग्रवाल ने कहा कि एक मुलाज़िम था जिस के पास कुछ रक़म थी और वो समझता था कि वापिस ले जाना ख़तरा से ख़ाली नहीं है, इस लिए इस ने फ़ैसला किया कि इस रक़म को डिब्बा में रख दिया जाय और इस डिब्बा को लंच कर लेने के बाद डिब्बा वालों के ज़रीया घर भेज दिया। बॉक्स इस के रक़म के साथ घर बहिफ़ाज़त पहुंच गया। याद रहे कि पवन अग्रवाल ने मुंबई डिब्बा वाला मॉडल पर डाक्टरेट किया है। उन्हों ने कहा कि अगरचे नए तर्ज़ के होटलों और अवाम की ग़िज़ाई आदतों में तबदीली का सामना है। इस के बावजूद इस कारोबार पर ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ा। इस वक़्त सारिफ़ीन की तादाद मुस्तहकम है। उन्हों ने कहा कि ये इस लिए है कि घर के बाहर मुख़्तलिफ़ खानों के मवाक़े से कुछ लोग इस्तिफ़ादा करने लगे मगर अक्सर ने ये जान लिया है कि घर की ग़िज़ा सब से अच्छी होती है। उन्हों ने बताया कि डिब्बा वाले ज़ईफ़ और बीमार मुलाज़मीन के मुस्तक़बिल को बचाने केलिए वो अपना ज़ाती रिटायरमैंट प्लान रखते हैं। उन्हों ने बताया कि अगर कोई डिब्बा वाला रिटायर होता है तो उसे तनख़्वाह की दस गुना रक़म दी जाती है जो मुलाज़मीन से पसंदाज़ य के ज़रीया जमा करदा होती है।पवन अग्रवाल ने कहा कि बदलते हालात की मुनासबत से डिब्बा वालों को भी नए तरीक़ा-ए-कार इख़तियार करना होगा।