मुंबई पुलिस आईएस के खिलाफ सचेत करने के लिए केरल के युवा की मदद लेगी

मुंबई: केरल का एक 20 वर्षीय युवाओं जल्द ही महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते के आईएस में शामिल होने जा रहे गुमराह युवाओं के खिलाफ अभियान का चेहरा होगा। ताहा शेख (बदला हुआ नाम) जो मध्य मुंबई के एक कॉलेज में इंजीनियरिंग छात्र है, उसको आईएस के विडियो मेसेज के खिलाफ युवाओं को सचेत करने के लिए बनाई जा रही एक डोक्युमेंट्री मुख्य चेहरा बनाया गया है|

शेख, जो केरल के एक संपन्न मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखता है और शहर में अपने अंकल के साथ रहता है, वह खुद अपना उदाहरण देकर बताता है कि कैसे आईएस के लोग नवयुवकों को अपना शिकार बनाते हैं |

वह बताता है कि पेरिस हमले के बाद उसने विश्व नेताओं की निंदा करते हुए इन्टरनेट पर लिखना शुरू किया था | उसका मानना था कि दुसरे देशों में मुसलमानों पर हो रहे हमले पर सामान आक्रोश और निंदा नहीं होती | “मैं यूट्यूब पर सर्फिंग कर रहा था | मेरे पास मुस्लिमों पर अत्यचार की विडियो के पॉपअप आने लगे | मैं उत्सुकता में और सर्फिंग करता रहा | एक हफ्ता बाद मैंने अजनबियों से चैटिंग शुरू की जिन्होंने मुझे आईएसआईएस से जोड़ने की कोशिश की,” शैख़ ने बताया |

सितंबर में, तकनीकी निगरानी के माध्यम से, एटीएस को पता लगा कि ताहा IS समर्थकों के साथ बातचीत कर रहा था।

एटीएस ने उस पर कड़ी नज़र रखी और एक मौलाना की मदद से उसे इस्लाम के सही मायने समझाने की कोशिश की | एटीएस का मानना है कि वह एक कनाडाई नागरिक जो आईएस समर्थक थी उसके बहकावे में आ गया था |

“उसने ताहा को सीरिया आने लिए कहा था और वहाँ उसके साथ शामिल होने का वादा भी किया था,” उन्होंने कहा।

आठ पुलिस अधिकारियों, दो मनोचिकित्सकों, उसकी माँ, एक डॉक्टर, एक मौलाना और उसके पांच दोस्तों ने उसे तीन सप्ताह तक समझाया जिसके बाद शेख वापस अपनी पढ़ाई के तरफ लौट गया।

बाद में एटीएस अधिकारियों ने भी ताहा को समझाया।

“उन्होंने उसे विडियो दिखाए और समझाया कैसे नवयुवको को बहका कर आईएस में शामिल किया जाता है और धर्म के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जाता है,” शेख के अंकल ने बताया |

परामर्श से पहले शेख लगभग आतंकवादी संगठन में शामिल होने ही वाला था | इसी बात को ध्यान रख एटीएस अधिकारियों गुमराह युवाओं के लिए बन रही डोक्युमेंट्री में उसे मुख्य चेहरा बनाए जाने का निर्णय लिया |