मुंबई बम धमाकों के केस की यकसूई का इद्दिआ दो नौजवान गिरफ़्तार

मुंबई, २४ जनवरी ( पी टी आई ) महाराष्ट्रा ए टी एस ने आज इद्दिआ किया कि इस ने मुंबई में गुज़शता साल 13 जुलाई को हुए बम धमाकों के केस में अहम कामयाबी हासिल करते हुए बिहार से ताल्लुक़ रखने वाले दो अफ़राद को गिरफ़्तार कर लिया है ।

महाराष्ट्रा ए टी एस के सरबराह राकेश मारिया ने अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि नक़ी अहमद वूसी अहमद शेख और नदीम अख़तर इशफ़ाक़ शेख को 12 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया है लेकिन इंडियन मुजाहिदीन का असल सरग़ना यसीन भटकल हनूज़ फ़रार है । मारिया ने कहा कि नक़ी सितंबर 2010 में मुंबई आया था जबकि नदीम पहले ही से एन्टॉप हिल में मुक़ीम था । नक़ी का राबिता अहमद ज़ुरार सदी बपा उर्फ़ यसीन भटकल से हुआ था ।

उन्हों ने कहा कि नदीम को भटकल ने दिल्ली तलब करते हुए कपड़े का एक पैकट दिया जिस में धमाको माद्दे और डेटोनेटर्स थे । उन्हीं को नक़ी के हवाले किया गया था और यही माद्दे धमाकों में इस्तेमाल किए गए । उन्हों ने बताया कि नक़ी को भटकल ने इस जुर्म केलिए 1.5 लाख रुपय कमीशन दिया था ।

उन्हों ने कहा कि नक़ी और नदीम ने दो स्कूटर्स का सरका किया था जिन से धमाके किए गए । दो मोटर सायकिलें भी सरका की गएं और उन्हें मुस्तक़बिल में इस्तेमाल के लिए रखा गया था । उन्हों ने नक़ी के बेक़सूर होने के दावे को मुस्तर्द कर दिया और कहा कि वो भटकल से वाक़िफ़ था ।

उन्हों ने कहा कि नक़ी ने भटकल के क़ियाम के लिए रक़म फ़राहम की थी । इस दौरान ख़ुद सिक्योरीटी एजंसियों में इस ताल्लुक़ से शकूक पैदा होगए हैं । कहा गया है कि आया मुंबई ए टी एस मुंबई धमाकों में नक़ी अहमद की गिरफ़्तारी का ऐलान करते हुए अपने रेकॉर्ड को बेहतर बनाने की कोशिश तो नहीं कर रही है की उनका बम धमाके करने वाले मुंबई से फ़रार होगए थे ।

ख़ुद राकेश मारिया ने एतराफ़ किया कि मुख़्तलिफ़ पुलिस फोर्सेस में धमाकों के मुक़द्दमात की यकसूई केलिए मुक़ाबला जारी रहता है । ताहम सेंटर्ल सिक्योरीटी एजंसियों की जानिब से इस सिलसिला में कुछ भी कहने से गुरेज़ किया जा रहा है । इलियट स्पेशल सेल दिल्ली पूलिस और इंटेलीजेंस ब्यूरो के स्पेशल स्क्वैड के लिए नक़ी अहमद ही असल मुख़्बिर था जिस ने विक़ास और तब्रेज़ की शनाख़्त में इन की मदद की थी ।

इन दोनों पर बम हमलों का इल्ज़ाम है । ओहदेदारों के बमूजब अहमद मुंबई को सिर्फ इसी लिए गया था कि इन दो बमबारों का पता चलाने में मदद की जा सके और इस सारे इंतिहाई राज़ में रखे गए ऑपरेशन की निगरानी दिल्ली के आली सिक्योरीटी इदारों के ओहदेदारों के मुशाहिदा के साथ की गई थी ।

कहा गया है कि अहमद ने दो बमबारों को गिरफ़्तार करवाने पुलिस के खु़फ़ीया एजेंटों के साथ मुंबई का दौरा किया था ।

इन दोनों को मुंबई पुलिस ने मुश्तबा अफ़राद क़रार दिया है । दिल्ली में नक़ी के भाई तक़ी की जानिब से अपने भाई को बचाने की कोशिशें नाकाम हो गईं। इस का सवाल है कि आया उस शख़्स को गिरफ़्तार करना कहां तक जायज़ है जिस ने ख़ुद पुलिस के लिए मुख़्बिर का काम किया था और बम धमाके करने वालों की शनाख़्त करवाई थी ? । कहा गया है कि मुंबई में नक़ी के वकील ख़ालिद आज़मी को अपने मुवक्किल से मुलाक़ात की इजाज़त तक नहीं दी गई।