मुंबई ब्लास्ट के मुजरिम याकूब मेमन की फांसी की सजा पर रोक बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने बुध के रोज़ 1993 के मुंबई बम धमाकों के मुज़रिम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर रोक जारी रखी है। जस्टिस यू यू ललित ने याकूब मेमन की नज़रेशानी की दरखास्त पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। अब मामले की सुनवाई किसी ऐसी बेंच के सामने लगेगी जिसमें जस्टिस ललित नहीं होंगे। फिलहाल मामले की सुनवाई टल गई है।

याकूब मेमन को मुंबई में हुए सीरियल धमाकों में मुजरिम पाते हुए फांसी की सजा सुनाई गई है।मेमन ने सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले को बुनियाद बनाकर नई नज़रे ए शानी की दरखास्त दाखिल की है। उसकी दरखास्त पर खुली अदालत में सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ कानूनी सवालों के जवाब जानने के लिए सोनू सरदार की नज़र ए शानी की दरखास्त पर सुनवाई 21 जनवरी तक टाल दी।

सोनू सरदार को छत्तीसगढ़ में पांच लोगों के क़त्ल के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई है। उसने सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले को बुनियाद बनाते हुए नई नज़र ए शानी की दरखास्त दाखिल की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट खुली अदालत में सुनवाई कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने रियासत की हुकूमत से दो सवालों के जवाब मांगे। उसने पूछा है कि क्या सबूत है की कत्ल सोनू ने किए है? जबकि वाकिया के वक्त 5 लोग थे जिनमें से 3 लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। साथ ही दूसरा सवाल यह है कि कत्ल के वक्त सोनू की उम्र क्या थी।