मराठवाड़ा के परभनी जिले में पिछले कुछ समय से वेतन का भुगतान नहीं होने और काम के दवाब के कारण परेशान 54 वर्षीय एक ‘आंगनबाड़ी’ कार्यकर्ता ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
एक पुलिस अधिकारी ने आज बताया कि सुमित्रा सावंदकर ने बोरदी गांव में अपने घर में आज सुबह फांसी लगा ली।
उन्होंने बताया कि सुमित्रा वर्ष 2001 से अपने गांव से कुछ किलोमीटर की दूरी पर नागनगांव आंगनबाड़ी (सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण मां और शिशु देखभाल केन्द्र) में काम कर रही थी।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उसके घर से एक सुसाइड नोट बरामद किया जिसमें उसने पिछले पांच साल से वेतन का भुगतान नहीं होने, काम का दवाब और अपने परिवार के सदस्यों द्वारा किये जाने वाले बुरे बर्ताव के कारण खुदकुशी करने की बात कही है।
परभनी के पुलिस अधीक्षक दिलीप जलके ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘हमें एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें सुमित्रा ने जून से वेतन का भुगतान नहीं होने को लेकर हताशा का उल्लेख किया है।’’ पुलिस मामले की जांच कर रही है।