मुंबई में बिल्डर माफिया अग़वा जैसे जराइम में भी मुलव्वस , हुकूमत और डेवलपर के ख़िलाफ़ जंग

मुंबई, 05 फ़रवरी: ( एजेंसी ) मुस्लिम इलाक़ा में रिहायश पज़ीर मुहम्मद शौकत शेख की शायद सब बड़ी ग़लती ये थी कि इस ने हुक्काम पर दबाव डाला था कि उसे इंसाफ़ दिलाने के लिए क़ानूनी तक़ाज़े पूरे किए जाएं।

ऐसा मुतालिबा करने से दरअसल हुक्काम और बिल्डर्स के माबेन साज़ बाज़ के आशकार होने से वो लोग इतने ब्रहम ( गुस्से) हुए कि उनके ज़रीया मुहम्मद शौकत शेख के 15 साला बेटे का मुबय्यना तौर पर अग़वा कर लिया गया जिसमें बिल्डर्स के पाले हुए गुंडे मुलव्वस हैं।

आज इस वाक़िया को छः माह का अर्सा गुज़र चुका है लेकिन शौकत का बेटा हनूज़ ग़ायब है और मुताल्लिक़ा हुक्काम ने आज तक ख़ातियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की। शौकत शेख शास्त्री कॉलोनी घर निर्माण कोआपरेटिव हाउज़िंग सोसायटी के रुकन हैं जो सांताक्रूज़ ( मशरिक़) में वाकेय् है । ये सोसायटी उन 45 सोसायटियों में से एक है जो गोली बार के वसीअ तरीन सल्म (Slum) इलाक़ा का हिस्सा हैं। गोली बार सlम इलाक़ा को नए सिरे से बाज़ आबाद करने के लिए सल्म रिहाबिलेशन अथॉरीटी (Slum Rehabilitation Authority) ने एक स्कीम का आग़ाज़ किया था ।

29 एकड़ पर मुहीत इस सलम इलाक़ा में 26000 नफ़ूस आबाद हैं । जब से इस इलाक़ा की बाज़ आबादकारी का ऐलान हुआ है यहां ज़मीन की कीमतें आसमान से बातें कर रही हैं जहां फ़ी मुरब्बा ( वर्गाकार) गज़ के लिए 30,000 रुपये वसूल किए जा रहे हैं। इस वेंचर ने कई शकूक-ओ-शुबहात पैदा कर दिए हैं जिस पर एक तनाज़ा पैदा हो गया है क्योंकि ये इल्ज़ामात आइद किए जा रहे हैं डेवलपर वेंचर्स और हुक्काम के माबेन साज़ बाज़ है ।