मुंबई मेट्रो के किराया में इज़ाफे की तजवीज़

नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने आज वीरसवा । घाटकोपर मेट्रो रेल को रीडर के शरह किरायों में इज़ाफे की तजवीज़ पर बॉम्बे हाईकोर्ट के हुक्म अलतवा के मामले में मुदाख़िलत से इनकार कर दिया है। जस्टिस एमवाय इक़बाल और जस्टिस अरूण मिसरा पर मुश्तमिल बेंच ने रिलाइंस एनर्जी के मुआविन इदारा मुंबई मेट्रोवन प्राईवेट लिमिटेड से कहा कि इस ख़ुसूस में हाईकोर्ट से रुजू हो।

अदालत इला लिया ने ये वज़ाहत की कि उबूरी हुक्म के ख़िलाफ़ दायर करदा अर्ज़ी पर समात नहीं की जाएगी। इस मामले की जल्द अज़ जल्द समात के लिए दरख़ास्त की जा सकती है। हाईकोर्ट ने गुज़िशता साल 17 दिसंबर को वीरसवा । घाटकोपर मेट्रोरेल को रीडर के किराये में इज़ाफे की तजवीज़ पर 29 जनवरी तक हुक्म अलतवा जारी कर दिया था और कहा था कि मुंबई मेट्रो पालिटिन रीजनल डेव्लप्मेंट अथॉरीटी की पेश करदा अर्ज़ी पर क़तई समात तक किरायों में इज़ाफे की तजवीज़ को रोबामल नहीं लाया जा सकता ।

सदर कांग्रेस मुंबई यूनिट संजय निरुपम ने भी एक मुराफ़ा दाख़िल करते हुए किरायों में इज़ाफे को चैलेंज किया और कहा कि अथॉरीटी की दाख़िल करदा अर्ज़ी के साथ उनके मुराफ़ा पर भी समात की जाये। ख़ानगी इदारे ने जो कि वीरसवा । घाटकोपर को रीडर का ऑप्रेटर है एक‌ दिसंबर 2015 से किराया में5 रुपये इज़ाफे का ऐलान किया था जिसके ख़िलाफ़ डेपलप्मेंट‌ अथॉरीटी ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया है।