नई दिल्ली, 11 दिसंबर: (एजेंसी) हिंदूस्तान ने मुंबई हमलों के उन सात मुल्ज़िमीन जिनके मुक़द्दमात पाकिस्तानी अदालत में ज़ेर समाअत हैं, पाकिस्तान की जानिब से उन मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ शहादतें पेश करने की सताइश की और कहा कि हिंदूस्तान को मुकम्मल तौर पर उस वक़्त इत्मीनान होगा और वो राहत की सांस लेगा जब इन मुल्ज़िमीन को क़सूरवार ठहराकर उन्हें सज़ा सुनाई जाएंगी ।
वज़ीर ए ख़ारेजा सलमान ख़ूर्शीद ने अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि शहादतें तो पेश की गई हैं लेकिन ज़रूरत इस बात की है कि इन शहादतों और सुबूतों को अदालत मंज़ूर करते हुए मुल्ज़िमीन को सज़ाएं सुनाए । याद रहे कि पाकिस्तान की फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (FIA) की जानिब से मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ सुबूत पेश किए जाने पर अख़बारी नुमाइंदों ने सलमान ख़ूर्शीद से इस्तिफ़सार किया था कि वो पाकिस्तान की इस कोशिश पर क्या रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करेंगे जिसका जवाब देते हुए उन्होंने मुंदरजा बाला बयान दिया ।
उन्होंने मज़ीद कहा कि सुबूत और शहादतें पेश करना तो एक आम सी बात है जो कि अदालतों में चलने वाले हर छोटे बड़े मुक़द्दमा का हिस्सा होता है लेकिन अहमियत इस बात की होती है कि सुबूतों की बुनियाद पर अदालत मुताल्लिक़ा मुल्ज़िमीन को कुसूरवार ठहराते हुए उन्हें मुस्तौजिब सज़ा क़रार दे वर्ना सुबूत तो रद्दी की टोकरी में भी फेंके जा सकते हैं।
फ़िलहाल जो सुबूत पेश किए गए हैं इनमें सूबा सिंध में लश्कर ए तैबा के तरबियती कैंपस और वो कश्ती में बैठ कर 10 पाकिस्तानी दहशतगर्द मुंबई पहुंचे थे, उनकी तसावीर शामिल हैं। अगर ये सुबूत पहले पेश कर दिए जाए तो मुक़द्दमा का मौक़िफ़ कुछ और ही होता । देर आयद सुरुस्त आयद के मिस्दाक़ पाकिस्तान ने सुबूतों को पेश कर के कम से कम एक अच्छी पेशरफ़्त ज़रूर की है ।