26/11 की साजिश रचने वाले डेविड कोलमैन ने कबूला है कि हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसकी फौज का हाथ था| ये कबूलनामा उसकी गवाही के ठीक एक दिन पहले सामने आया है| पीर को हिन्दुस्तान में पहली बार किसी आतंकी की अब्रोड से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गवाही ली गई|
सीनियर काउंसिल उज्जवल निकम के मुताबिक़ हेडली की गवाही पीर सुबह 7 बजे से दोपहर 12.30 के बीच हुई| अमेरिकी कोर्ट उसे आतंकी हमलों की साजिश रचने और आतंकियों को मदद पहुंचाने का मुजरिम ठहरा चुका है| उसे 35 साल की सजा दी गई है| हिन्दुस्तान को बीते दिनों ही उससे पूछताछ की इजाजत मिली थी|
जानकारी के मुताबिक एनआईए की जांच में हेडली ने हमलों में आईएसआई और पाकिस्तानी फौज का हाथ होने की बात कबूली| उसने कबूला कि हमले को हाफिज सईद के इशारे पर अंजाम दिया गया| आईएसआई की मदद से हमले किए गए| रेकी के लिए पैसा भी दिया गया| दिल्ली में वाईस प्रेसिडेंट के घर, इंडिया गेट और CBI ऑफिस की भी रेकी की|
पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के मेजर इकबाल और समीर अली उसके हैंडलर थे| लश्कर के ज़की उर रहमान लखवी का हैंडलर आईएसआई का ब्रिगेडियर रिवाज था| लखवी की गिरफ्तारी के बाद आईएसआई चीफ शुजा पाशा उससे मिलने भी गए थे|
सीआईए ने कहा था कि आतंकी तनज़ीम लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमला पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की मदद से किया था| इसके बाद ही पेरिस हमले का खाका तैयार किया गया| उनकी ये बात अमेरिकी कांग्रेस के एमपी और आतंकवाद पर की बाहरी मामलों की ज़ेली कमेटी के चेयरमैन ब्रैड शर्मन ने अमेरिकी नायब सदर जो बाइडेन, फॉरेन मिनिस्टर जॉन केरी और डिफेंस मिनिस्टर एश्टन कार्टर को एक ख़त लिखकर बताई थी|