मुंबई हमलों के बाद हिंद-पाक जंग के आसार थे: राईस

वाशिंगटन 30 अक्टूबर (एजैंसीज़) साबिक़ अमरीकी वज़ीर-ए-ख़ारजा कोनडो लीज़ा राईस ने इन्किशाफ़ किया है कि मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तानी क़ियादत घबरा गई थी और सख़्त ख़ौफ़ज़दा थी।

हिंदूस्तानी वज़ीर-ए-ख़ारजा परनब मुखर्जि के सख़्त अलफ़ाज़ से पाकिस्तान को ये यक़ीन हो गया था कि हिंदूस्तान ने जंग का इरादा कर लिया है।

अमरीका की साबिक़ वज़ीर-ए-ख़ारजा कोनडो लीज़ा राईस ने अपनी किताब में इन्किशाफ़ किया है कि मुंबई पर हमलों के बाद पाकिस्तानी क़ियादत घबरा गई थी और इस ने चीन से लेकर सऊदी अरब और अमरीका तक सब को फ़ोन करना शुरू कर दिए थॆ।

उन्होंने कहा कि एक मरहला पर वो ख़ुद भी घबरा गई थीं क्योंकि उन की कई कोशिशों के बावजूद हिंदूस्तानी वज़ीर-ए-ख़ारजा परनब मुकर्जी से बात नहीं हो पाई थी।

इन अफ़्वाहों के पेशे नज़र ही सदर बुश ने मुझे दिल्ली और ईस्लामाबाद भेजा था। बिलआख़िर जब कोनडो लीज़ा राईस की परनब मुखर्जि से बात हुई तो हिंदूस्तानी वज़ीर-ए-ख़ारजा ने कहाकि में तो अपने इंतिख़ाबी हलक़ा में हूँ, अगर हम जंग की तैय्यारी कररहे होते तो क्या में दिल्ली से बाहर होता? परनब मुखर्जि ने कोंडूलिज़ा राईस को बताया कि उन्हों ने इस वक़्त पाकिस्तान के वज़ीर-ए-ख़ारजा शाह महमूद क़ुरैशी से कहा था कि आप हमारे सामने जंग के इलावा कोई रास्ता नहीं छोड़ रहे।

साबिक़ अमरीकी वज़ीर-ए-ख़ारजा ने कहाकि जब वो ईस्लामाबाद पहूंचें तो पाकिस्तानी क़ियादत ख़ौफ़ज़दा और घबराई हुई थी। सदर-ए-पाकिस्तान आसिफ़ अली ज़रदारी से कहाकि वो जंग से बचना चाहते हैं। यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है 26 नवंबर 2008 -ए-को हुए मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के साथ हिंदूस्तान के मुज़ाकरात शदीद तौर पर मुतास्सिर हो गए थे।

जिससे मसला-ए-कश्मीर भी पसेपुश्त चला गया था। आलमी क़ाइदीन के दबाओ के बावजूद दोनों ममालिक मुज़ाकरात के लिए बिलकुल तैय्यार नहीं थॆ।