लश्कर-ए-तयबा के गिरफ़्तार दहशतगर्द अबू ज़िंदाल से मिलने वाले शवाहिद (साक्षीगण) से लैस हिंदूस्तान ने वाज़िह ( स्पष्ट) किया है कि मुंबई हमलों के ज़िम्मादारान के ख़िलाफ़ कार्रवाई पाकिस्तान का सब से बड़ा एतिमाद (विश्वास) की बहाली का इक़दाम ( कार्यनिष्पादन) होगा, जबकि पाकिस्तान ने 26/11 वाक़िया में सरकारी एजेंसीयों के मुलव्वस होने की तरदीद की है।
हिंदूस्तान ने मुंबई हमलों के ज़िम्मादारान के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाओ डालते हुए कहा कि अबू ज़िंदाल से जारी तफ़तीश (जाँच पड़ताल) से जो हक़ायक़ सामीन आ रहे हैं, इसकी रोशनी में जल्द अज़ ( से) जल्द कार्रवाई की ज़रूरत और भी बढ़ जाती है।
मोतमिद ख़ारिजा (Indian Foreign Secretary Ranjan Mathai) रंजन मथाई ने आज पाकिस्तान हम मंसब (counterpart) जलील अब्बास जीलानी के साथ मुशतर्का प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब ( संबोधन) करते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि दहशतगर्दी इलाक़ा में अमन-ओ-सलामती के लिए सब से बड़ा ख़तरा है और मुंबई दहशतगर्द हमले के ज़िम्मा दारान को कैफ़र-ए-किर्दार (करनी की सज़ा/ बुरे कामो की सज़ा) तक पहुंचाना सब से बड़ा एतिमाद की बहाली का इक़दाम होगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हम मंसब के साथ ये मुआमला उठाया गया है और उन्हें इत्तिलाआत भी फ़राहम की गईं। रंजन मथाई ने कहा कि ईस्लामाबाद में मिट्टी में हुई मोतमिदैन दाख़िला सतह (Secretries/सचिवों) की बातचीत के दौरान 26/11 के मुताल्लिक़ से काफ़ी मालूमात पाकिस्तान को फ़राहम की जा चुकी हैं।
हम इस मुआमले को मंतक़ी अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम के इस ब्यान पर कि अब्बू ज़िंदाल ने इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) किया है कि पाकिस्तान के सरकारी कारिंदे भी मुंबई हमलों में मुलव्वस थे, जीलानी ने कहा कि वो किसी सरकारी एजेंसी के हिंदूस्तान के ख़िलाफ़ किसी भी दहशतगर्द सरगर्मी में मुलव्वस होने को सख़्ती से मुस्तर्द करते हैं।
उन्होंने अबू ज़िंदाल के इन्किशाफ़ात के बारे मे, कहा कि उन्होंने कहा कि रंजन मथाई को तयक्कुन ( यकीन) दिया है कि जो भी मालूमात फ़राहम की जाएंगी, उस की तहक़ीक़ात की जाएंगी। यहां तक कि पाकिस्तान सारे मुआमले की मुशतर्का तहक़ीक़ात की पेशकश के लिए भी तैयार है।