झारखंड रियासत किसान सभा की कियादत में रांची मास्टर प्लान 2037 के खिलाफ मुंसिपल कॉर्पोरेशन के सामने मुजाहिरा किया गया। इस मौके पर मुक़र्ररीन ने कहा कि रांची जिला पांचवीं अनूसूची में आता है। यहां सीएनटी एक्ट लागू है।
साथ ही जंगल के हाकूक कानून और दीगर कानूनी निज़ाम भी लागू है। इसके बावजूद हुकूमत कानून को ताक पर रख कर लोगों को उजाड़ने की कोशिश कर रही है। मास्टर प्लान के लागू होने से काफी तादाद में नक़ल मकानी होगा।
प्रोग्राम को खिताब करते हुए जिप रुक्न आरती कुजूर ने कहा कि मास्टर प्लान अवामी मुखालिफ कानून है। इस मामले में अवामीन नुमाइंदों का चुप रहना खतरनाक है। मोरचा के वर्किंग सदर शिवा कच्छप ने कहा कि मास्टर प्लान यहां के लोगों को उजाड़ने का काम करेगा।
इस मौके पर सभा के वज़ीर प्रफुल्ल लिंडा, सुरजीत सिन्हा, सुखनाथ लोहरा, वीणा लिंडा, संतू उरांव, सुशांति, जोनी जोवाकिम, जोसफिन गुड़िया, तहशीला लकड़ा, संतोष मुंडा, करमू मुंडा, सुनीता टोप्पो मौजूद थे। इस दौरान सात नुकाती मुताल्बा खत मुंसिपल कॉर्पोरेशन सीइओ को सौंपा गया।
नहीं माने एहतेज़ाज़ी
मुजाहेरा करेने वालों की मुताल्बात को सुन कर डिप्टी सीइओ शैलेंद्र कुमार लाल ने बाहर आकर मुजाहिरा करने वालों को मास्टर प्लान से होनेवाले फायदे की जानकारी दी। लेकिन मुजाहिरा करने वालों ने उनकी बातें नहीं मानी।