पीएफ दफ्तर ने मुलाज़मीन का हिस्सा (पीएफ) जमा नहीं करनेवाले सरकारी और गैर सरकारी अदारों के खिलाफ कदम उठाया है। रांची मुंसिपल कॉर्पोरेशन के बैंक खाते को सील कर दिया गया है। 11.96 लाख रुपये की रिकवरी के लिए उसकी जायदाद अटैच कर ली गयी है। मुक़ामी पीएफ कमिश्नर समरेंद्र कुमार ने बताया कि रांची मुंकीपल कॉर्पोरेशन की तरफ से 60 मुलाज़मीन का हिस्सा काटा जा रहा था, लेकिन उसे पीएफ में जमा नहीं किया जा रहा था। इसके बाद यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि एटुजेड वेस्ट मैनेजमेंट रांची लिमिटेड को पीएफ का डिफॉल्टर पाया गया। उसके खिलाफ अरगोड़ा थाने में सनाह दर्ज करायी गयी है।
धनबाद मुंसिपल कॉर्पोरेशन के सीइओ एके पांडे के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में मामला दायर कराया गया है। वहां पीएफ एक्ट के तहत रजिस्ट्रशन नहीं कराया गया था। जेएसइबी के 18 सर्किल को पीएफ के दायरे में शामिल किया गया है। यहां 70 से 100 स्टाफ का पीएफ जमा नहीं किया जा रहा था। बिरसा पार्क की तरफ से 54 स्टाफ का पीएफ का फायदा नहीं दिया जा रहा था। इसे भी पीएफ के दायरे में शामिल किया गया है. मिस्टर कुमार ने बताया कि वैसे अदारे, जहां 20 से ज्यादा मुलजिम काम कर रहे हैं, उन्हें पीएफ में रेजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। पहले ही दिन से उनका हिस्सा जमा कराना होगा। जल्द ही और अदारों को पीएफ के दायरे में शामिल किया जायेगा।
दस्तखत की डिजिटलाइजेशन
मिस्टर कुमार ने बताया कि 26 से 28 अगस्त तक आजरों के दस्तखतों का डिजिटलाइजेशन किया जायेगा। इसके लिए खास तौर पर कैंप लगाया जा रहा है। यह कैंप रांची के मुक़ामी दफ्तर में लगेगा। इसके बाद सेटलमेंट में तेजी आयेगी।