मिस्रता फ़ौजी कौंसल के ओहदेदार ने कहा कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी उन के फ़र्ज़ंद मोतसिम और एक आला मददगार की एक खु़फ़ीया मुक़ाम पर आज सुबह सादिक़ नमाज़ जनाज़ा अदा की गई और तदफ़ीन अमल में लाई गई।
इस मौक़ा पर चंद रिश्तेदार और ओहदेदार मौजूद थे। एक पयाम मैं तर्जुमान इबराहीम बैत-उल-माल ने कहा कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की नमाज़ जनाज़ा अदा की गई और करानी आयात की तिलावत के दौरान तदफ़ीन अमल में आई।
इस इत्तिला की आज़ादाना तौर पर तौसीक़ नहीं हुई है। कर्नल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी उन के फ़र्ज़ंद मोतसिम और साबिक़ वज़ीर-ए-दिफ़ा अबूबकर यूनुस की नाशों को उन की हलाकत के बाद से मिस्र ता में एक दूकान के फ्ऱेज़र में रखा गया था।
कर्नल क़ज़ाफ़ी को जुमेरात के दिन उन के आबाई टाउन सीरत के क़रीब एक पाइप से गिरफ़्तार करके हलाक किया गया था। क़ज़ाफ़ी और मोतसिम को ज़िंदा गिरफ़्तार करलिया गया था। इन को चंद ज़ख़म आए थे लेकिन बादअज़ां उन की ग़ैर वाज़िह हालात में मौत वाक़्य हो गई। सीरत के शहरी नौजवान ने दावा किया हीका इस ने कर्नल क़ज़ाफ़ी को उन की ही गोल्डन गुण से हलाक किया है।
लीबिया की उबूरी हुकूमत के क़ाइदीन ने तीक़न दिया हीका वो कर्नल क़ज़ाफ़ी की मौत की तहक़ीक़ात करवाईंगी। आलमी सतह पर इंसानी हुक़ूक़ का मसला उठाया जा रहा है और आलमी दबाव के बाइस उबूरी कौंसल की तहक़ीक़ात कराने का तीक़न दिया है।
पीर के दिन साबिक़ वज़ीर-ए-दिफ़ा अबूबकर को भी गड़बड़ से गुरेज़ करने केलिए एक खु़फ़ीया मुक़ाम पर बे निशान क़ब्र में दफ़न कर दिया गया। लीबिया के इन क़ाइदीन की क़ब्रों के मुक़ाम को राज़ में रखा गया है ताकि क़ज़ाफ़ी के हामीयों की जानिब से उन की क़ब्रों को मक़बरा बनाने से रोका जा सके।
बैन-उल-अक़वामी तंज़ीमों ने इन क़ब्रों को देखने की ख़ाहिश की है उन्हें इस मुक़ाम तक ले जाया जाएगा। गुज़शता रोज़ लीबिया के पैथालोजिस्ट सरबराह डाक्टर उसमान इल्ल ज़ीनतानी ने 3 घंटों तक कर्नल क़ज़ाफ़ी की आ टोप्सी अंजाम दी और उन की शनाख़्त करने केलिए डी एन ए के नमूने भी हासिल कर ली।
उन्होंने कहा था कि कर्नल क़ज़ाफ़ी सर में गोली लगने से हलाक हुए थे और कहा था कि इस हफ़्ता के अवाख़िर में मुकम्मल रिपोर्ट जारी की जाएगी। ये बात भी हनूज़ ग़ैर वाज़िह हीका बाग़ीयों की जानिब से उन्हें ज़िंदा गिरफ़्तार करलिए जाने से क़बल वो शदीद ज़ख़मी थी। मक़्तूल लीबीयाई लीडर मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के आबाई वतन सुरत में एक तेल टैंक में धमाका हुआ, जिस से 100 से ज़ाइद अफ़राद हलाक हुई।
मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की गिरफ़्तारी और हलाकत के ज़ाइद अज़ एक हफ़्ता के अंदर ही लीबिया में धमाके तशद्दुद के वाक़ियात में इज़ाफ़ा होरहा ही। फ़ौजी कमांडर ने कहा कि ऑयल टैंकर में मुतअद्दिद धमाके हुए और सारा इलाक़ा शोला पोश हुआ। इस में ज़ाइद अज़ 100 अफ़राद हलाक और दीगर 50 ज़ख़मी हुई।
कल रात हुए धमाकों के मुक़ाम पर जली हुई नाशें बिखरी पड़ी हैं। दिलख़राश मुनाज़िर देखे जा रहे हैं। कारों को पैट्रोल से भराने केलिए मुंतज़िर अफ़राद इस धमाका की ज़द में आ गई। इस वक़्त अवाम का ज़बरदस्त हुजूम था। क़ौमी उबूरी कौंसल के कमांडर लतीफ़ मुहम्मद ने ये बात बताई।
उन्होंने कहा कि हम हनूज़ आग पर क़ाबू पाने से क़ासिर हैं। ये धमाका क़रीबी बर्क़ी जनरेटर से चिनगारियां निकलने के बाइस हुआ है , लेकिन महलोकीन अपने वतन वापिस होरहे थी। सुरत इलाक़ा मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के वफादारों का आख़िरी मुज़ाहमती गढ़ था। मुआइना से पता चलता हीका धमाका से कई शहरी हलाक हुए हैं। ये लोग अपने वतन को अपनी जायदादों के नुक़्सानात का जायज़ा लेने के लिए आए थी।
सीरत टाउन में रोज़ाना नाटो की बमबारी से कोई इमारत नहीं बच सकी। तमाम इमारतें मलबा में तबदील होगई हैं और सुरत में मौत का ख़ौफ़नाक साया दिखाई दे रहा है।
हर तरफ़ नाशें ही नाशें हैं। सड़कों पर हनूज़ नाशें बे गुरू-ओ-कफ़न सड़ रही हैं। नाटो की बमबारी और बाग़ीयों के हमलों में हलाक होने वाले मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के हामीयों और शहरीयों की बड़ी तादाद शामिल है।
बाअज़ शहरीयों ने जिन की तादाद जंग से क़बल 1.20 लाख थी, अपने वतन वापिस होकर तबाह शूदा शहर को देखा है। अपने इमलाक का जायज़ा लिया है लेकिन यहां की भयानक तस्वीर और तबाही देख कर कई शहर वापिस हो रहे हैं। इंसानी हुक़ूक़ के इदारों ने लीबीयाई उबूरी हुकूमत पर ज़ोर दिया हीका वो 53 अफ़राद की मस्ख़शुदा नाशों की तहक़ीक़ात करवाए जो सुरत में दस्तयाब हुई हैं।
अरब टी वी के मुताबिक़ मुअम्मर क़ज़ाफ़ी, उन के बेटे और आर्मी चीफ़ की नामालूम मुक़ाम पर तदफ़ीन का फ़ैसला लीबिया की उबूरी कौंसल ने किया था और इस सिलसिले में किसी से मुशावरत नहीं की गई। दूसरी जानिब लीबिया के साबिक़ हुकमरान के बे रहमाना क़तल के बाद लीबिया में रद्द-ए-अमल आना शुरू होगया। मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के आबाई शहर सुरत के एक ऑयल डिपो में बम धमाके के बाइस सौ से ज़ाइद अफ़राद हलाक और दर्जनों ज़ख़मी होगए हैं।
उबूरी कौंसल के एक फ़ौजी कमांडर का कहना था कि इमकान है कि ये कार्रवाई क़ज़ाफ़ी के हामीयों ने की हो क्योंकि इस से क़बल इस ऑयल डिपो पर क़बज़े की भी कोशिश की गई।
उबूरी कौंसल के कमांडर लेत मुहम्मद का कहना है कि सूरत-ए-हाल इंतिहाई संगीन है और अब तक पच्चास के क़रीब अफ़राद को ज़ख़मी हालत में हस्पताल मुंतक़िल किया जा चुका है जबकि सौ के क़रीब अफ़राद इस वाक़िया में हलाक हुए हैं।