मुकुल राय का शरह बार बर्दारी में इज़ाफे़ से दस्तबरदारी से इनकार

वज़ीर रेलवे मुकुल राय जिन्हों ने गुज़शता हफ़्ते अपने पेशरू दिनेश त्रिवेदी के पेश कर्दा बजट में तजवीज़ कर्दा रेल किराया इज़ाफे़ के एक बड़े हिस्से से दसतबरदारी इख्तेयार कर ली थी, आज उन्होंने बजट पर अमल आवरी से क़ब्ल तमाम सतह की रेल शरह बारबुर्दारी के मुआमले में इसी तरह की दस्तबरदारी के बारे में कोई हामी भरने से इनकार कर दिया।

इस तरह के बार बार सवालात पर कि आया वो बारबुर्दारी शरहों में 15 से 35 फ़ीसद के हालिया इज़ाफे़ से दस्तबरदारी पर ग़ौर नहीं कर रहे हैं, वज़ीर मौसूफ़ ने कहा, ये (चीज़) बजट में नहीं है। वज़ीर (रेलवे) को सिर्फ बजट तजावीज़ पर जवाब देना होता है। लिहाज़ा ये सवाल पैदा नहीं होता है। यहां इस्टर्न रेलवे हेडक्वार्टर्स में अख़बारी नुमाइंदों की जानिब से मज़ीद इसरार किए जाने पर वज़ीर मौसूफ़ ने वही इआदा किया जो कुछ उन्हों ने कुछ देर क़ब्ल कहा था।

मुकुल राय ने कहा कि हिफ़ाज़त, सलामती और वक़्त की पाबंदी उन की तर्जीहात हैं और इद्दिआ किया कि रेलवे अमली कारकर्दगी का बेहतर तनासुब हासिल करने की सुई करेगा। उन्हों ने अख़बार नवीसों को बताया कि सेफ़्टी, स्कियोरटी और वक़्त की पाबंदी हमारी तर्जीहात हैं।

ये मुल्क में सबसे ज़्यादा सहूलत बख्श ट्रांसपोर्ट है और हमारी सुई रहेगी कि उसे अवाम के मज़ीद क़रीबतर लाएंगे। ये कहते हुए कि रेलवे का अमली तनासुब 1973-74से जबकि ये लगभग 74 था, कभी भी 90 से कम तर नहीं रहा है, उन्हों ने निशानदेही की कि मैं यक़ीनी बनाउँगा कि हम इस अंदाज़ में काम करें कि हम क़दीम ऑप्रेटिंग तनासुब हासिल कर सकें।

ये पूछने पर कि किस तरह वो रेलवे को दरपेश मालीयाती मजबूरीयों से निमटेंगे, उन्होंने कहा, पार्लीमेंट के दोनों ऐवान में रेल बजट पर मुबाहिस पर मेरे जवाब में वाज़िह तौर पर मैंने मुस्तक़बिल के मक़ासिद ब्यान किए हैं। लिहाज़ा मज़ीद कोई सवाल नहीं उठाना चाहीए। जब एक रिपोर्टर ने निशानदेही की कि उन पर सी पी आई (एम) की जानिब से तन्क़ीद हो रही है कि बहैसीयत वज़ीर रेलवे उन्हों ने ख़ुद को ज़्यादा तर कोलकाता तक महिदूद रखा हुआ है, उन्होंने कहा, सवाल दिल्ली या कोलकाता में मौजूदगी का नहीं है।

सवाल है कि आप कैसी कारकर्दगी पेश करते हो। मुझे मेरे फ़र्ज़ का इल्म है और ये कि इससे किस तरह निमटा जाए। वज़ीर मौसूफ़ ने कहा कि तमाम मारज़ अलतवा प्रोजेक्टस की वक़्त मुक़र्ररा में तकमील हो जाएगी। मुकुल राय ने कहा कि पहले मरहले में वो यहां इस लिए हैं कि इस्टर्न रेलवे, साउथ इस्टर्न रेलवे और मेट्रो रेलवे के तकमील तलब प्रोजेक्टों पर मुताल्लिक़ा जनरल मैनेजर्स और दीगर ऑफीसर्स के साथ तबादला-ए-ख़्याल किया जाए।

मुकुल राय ने अपनी पार्टी सरबराह ममता बनर्जी की बतौर वज़ीर रेलवे मीयाद को इंडियन रेलवे का शानदार बाब क़रार दिया।