मुकुल राय की हैसियत वज़ीर रेलवे हलफ़ बर्दारी

कांग्रेस के लीडर मुकुल राय को आज तरक़्क़ी देते हुए बहैसीयत वज़ीर रेलवे मर्कज़ी काबीना में शामिल कर लिया गया। वो मिस्टर दिनेश त्रिवेदी के जांनशीन होंगे। कांग्रेस पर ममता बनर्जी के शदीद दबाव के सबब मिस्टर त्रिवेदी वज़ीर रेलवे के ओहदा से मुस्ताफ़ी होने के लिए मजबूर हो गए थे। मिस्टर त्रिवेदी ने रेलवे बजट में मुख़्तलिफ़ ज़मरों के तहत मुसाफ़िरैन के किरायों में इज़ाफा की तजवीज़ पेश की थी और तवक़्क़ो की जा रही है कि 58 साला मुकुल राय निचले दर्जा रेलवे किरायों में इज़ाफ़ा की तजावीज़ को वापस लेंगे, जिन्हें सदर जमहूरीया प्रतिभा पाटिल ने आज ख़ुसूसी लेकिन मुख़्तसर तक़रीब में काबीनी वज़ीर की हैसियत से हलफ़ दिलाया, जिसके बाद राष्ट्रपति भवन से जारी आलामीया में कहा गया कि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह की सिफ़ारिश पर मुकुल राय रेलवे का क़लमदान( portfolio) दिया गया है।

इस तरक़्क़ी से क़बल मिस्टर राय जहाज़रानी के मुमलिकती वज़ीर थे और जुलाई में दिनेश त्रिवेदी को वज़ीर रेलवे मुक़र्रर किए जाने से क़बल मुमलिकती वज़ीर रेलवे के ओहदा पर फ़ाइज़ थे। मुकुल राय की तक़रीब हलफ़ बर्दारी में नायब सदर जमहूरीया मनमोहन सिंह, यू पी ए की सदर नशीन सोनीया गांधी और मर्कज़ी वुज़रा ने शिरकत की, जिनमें चंद का ताल्लुक़ तृणमूल कांग्रेस से था। मुसाफ़िर किरायों में इज़ाफ़ा से दसतबरदारी से मुताल्लिक़ एक सवाल पर मुकुल राय ने जवाब दिया कि जो कुछ भी कहना है वो पार्लीमैंट में कहेंगे क्योंकि रेलवे बजट अब रेलवे की मिल्कियत है।

मग़रिबी बंगाल की चीफ़ मिनिस्टर और तृणमूल कांग्रेस की सरबराह ममता बनर्जी के इताब के नतीजा में मिस्टर त्रिवेदी को वज़ीर रेलवे के ओहदा से मुस्ताफ़ी होने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मिस बनर्जी ने रेलवे बजट में पेश कर्दा मुसाफ़िर किरायों में इज़ाफ़ा से मुताल्लिक़ अपनी ही पार्टी के मिस्टर दिनेश त्रिवेदी की तजावीज़ की सख़्त मुख़ालिफ़त की थीं। इबतिदाई पस-ओ-पेश के बाद मिस्टर त्रिवेदी एतवार को मुस्ताफ़ी हो गए थे। कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस के दबाव से मरऊब ( डरा हुआ, डर से) होकर उनका इस्तीफ़ा कुबूल करते हुए इन्ही की पार्टी के मुकुल राय को नया वज़ीर रेलवे मुक़र्रर की है।

ममता बनर्जी ने निचली सतह के मुसाफ़िर किरायों में इज़ाफ़ा की तजवीज़ से दसतबरदारी का गुज़श्ता रोज़ वाज़िह इशारा भी दिया था।