मुख़्तलिफ़ तमिल हामी तंज़ीम के 45 कारकुनों को तीन मुख़्तलिफ़ मुक़ामात से गिरफ़्तार कर लिया गया, क्योंकि वो ट्रेनों का रास्ता रोकने और त्रिपुरा और अदाहगा मंडलम के क़रीब बस स्टेशन पर धरने देने की कोशिश कर रहे थे।इनका मुतालिबा था कि हिन्दुस्तान को दौलत-ए-मुश्तरका की सरबरहान-ए-ममलकत चोटी कान्फ्रेंस में जो जारीया माह श्रीलंका में मुक़र्रर है, शिरकत नहीं करनी चाहीए।
जुमला 45 अफ़राद की गिरफ़्तारी अमल में आई जो मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर बतौर-ए-एहतेजाज धरने देते हुए मुतालिबा कररहे थे कि हिन्दुस्तान को श्रीलंका में दौलत-ए-मुश्तरका की सरबरहान-ए-ममलकत चोटी कान्फ्रेंस में किसी किस्म की नुमाइंदगी नहीं करनी चाहिए क्योंकि तमिल नज़ाद बाशिंदों के इंसानी हुक़ूक़ को श्रीलंका में कुचला जा रहा है। तमिलनाडू की तमाम सियासी पार्टीयां डी ऐम के , अन्ना डी ऐम के जो एक दूसरे की कट्टर हरीफ़ हैं , बलालिहाज़ पार्टी वाबस्तगी मर्कज़ से यही मुतालिबा कररही हैं।