2002से मुल़्क की मुख़्तलिफ़ रियास्तों में होने वाले बम धमाकों की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में मुक़र्रर करदा एक कमेटी के ज़रीया कराई जाय और जिन आफ़िसरान ने जान बूझ कर मुस्लिम नौजवानों को झूटी शहादत के मुक़द्दमा में फंसाया, उन के ख़िलाफ़ अदालती और महिकमा जाती कार्रवाई करने की हिदायत जारी की जाय।
इस तरह की अपनी तरह की अनूठी कहा दाशत (एस एल पी) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कल अमल में आएगी ।जमईৃ उल्मा महाराष्ट्र अरशद मदनी क़ानूनी इमदाद कमेटी के सेक्रेटरी गुलज़ार अहमद आज़मी-ओ-दीगर की जानिब से दस्तूर हिंद की दफ़आत 32 और 21 के तहत सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल करदा अर्ज़ दाशत की समाअत सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस टी।
ऐस ।ठाकुर और जस्टिस फ़क़ीर मुहम्मद इबराहीम ख़लीफ़ उल्लाह पर मुश्तमिल दो रुकनी बैंच की अदालत में ये समाअत अमल में आएगी जिस में अदालत की जानिब से अपना क़तई फ़ैसला सादर करना मुतवक़्क़े है कि आया इस अर्ज़ दाशत को समाअत के लिए क़बूल किया जाय या नहीं।दिल्ली रवानगी से क़बल मुंबई में अख़बारी नवीसों को तफ़सीलात बताते हुए गुलज़ार आज़मी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साबिक़ ऐडीशनल सॉलीसिटर जनरल श्री अमरेन्द्र शरण ऐडवोकेट और ऐडवोकेट सय्यद मह्दी इमाम पर मुश्तमिल माहिर वुकला की एक टीम की ख़िदमात जमईৃ उल्मा ने हासिल की है जो अदालत में अपने मौक़िफ़ का इज़हार करेंगे ।
उन्हों ने मज़ीद कहा अर्ज़ दाशत में उन्हों ने ज़ अदालत से दरख़ास्त की है कि वो दस्तूर हिंद की दफ़ा 32 के इलावा दस्तूर हिंद की दफ़ा1के तहत रिट औफ़ मनडमस जारी करें जिस के तहत एक कमेटी तशकील दी जाय जो 2002से होने वाले हर बम ब्लास्ट की मज़ीद तफ़तीश-ओ-तहक़ीक़ करे।उन्हों ने कहा कि अर्ज़ दाशत में ये मुतालिबा किया गया है कि पूरे मुल्क में हालिया हुए बम धमाकों की दुबारा तफ़तीश किसी आली सतह कमेटी से कराई जाय जिस की तशकील मुअज़्ज़िज़ अदालत करेता कि इन धमाकों के पसेपर्दा साज़िशियों और उन के मक़ासिद का पर दह फ़ाश किया जा सके।