तेलंगाना बनाने के कांग्रेस के फैसले से न सिर्फ रायलसीमा औरआंध्र में तूफान खड़ा हो गया है, बल्कि मुल्क भर में अलैहिदा रियासतों के मुतालिबे जोर पकड़ने लगे हैं। लोग सड़क पर उतर आए हैं।
तेलंगाना के फैसले के बाद गोरखालैंड, वोडोलैंड, विंध्याचल, विदर्भ, बुंदेलखंड जैसी कई नई रियासतें बनाने की मांग को लेकर कुछ जगहों पर तशद्दुद भडक उट्ठा। असम के कार्बी आंगलांग में हालात को देखते हुए कर्फ्यू लगाना पड़ा। असम में पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो चुकी है। कल सीमांध्र के 14 कांग्रेसी वुजरा एम् एल ए और अपोसिशन पार्टी तेदेपा के 16 एम् एल एज़ ने इस्तीफे दिए।
रायलसीमा और आंध्र के 30 एम् एल एज़ ने जुमेरात को तेलंगाना के के फैसले खिलाफ अपने इस्तीफे सौंपे। चार विधान परिषद अरकान ने भी इस्तीफा दिया। इससे पहले बुध को कांग्रेस के एक एम् पी समेत आधा दर्जन एम् एल एज़ ने इस्तीफे दिए थे। वाईएसआर कांग्रेस के 16 एम् एल एज़ ने पिछले हफ्ते ही इस्तीफे सौंप दिए थे। सीमांध्र के कांग्रेस एम् एल एज़ ने बैठक कर मुस्तकबिल की हिकमते अमली तय की।
इस दरमियाँ आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर और डीजीपी ने नज्मो नस्क का जेश लिया और लोगों से कहा कि कानून को हाथ में न लें।
दूसरी तरफ मर्कज़ी होम मिनिस्टर शिंदे और आंध्र प्रदेश कांग्रेस के इंचार्ज दिग्विजय सिंह ने कहा कि अलाहिदा तेलंगाना का अमल शुरू हो चूका है।
तेलंगाना के फैसले के बाद दिए गए इस्तीफों में कुछ आंध्र विधानसभास्पीकर को, जबकि कुछ पार्टी व सीएम को सौंपे गए हैं। देर रात दिल्ली में भी आंध्र प्रदेश से आने वाले चार मर्कजी वुज्रा समेत 11अरकाने पार्लियामेंट ने बैठक की। उनका मानना है कि अब भी हालात नहीं बिगड़े हैं और वे अपने इस्तीफों से सरकार को फैसला वापस लेने को मजबूर कर सकते हैं।
इस दरमियाँ आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर और डीजीपी ने नज्मो नस्क का जेश लिया और लोगों से कहा कि कानून को हाथ में न लें।
दूसरी तरफ मर्कज़ी होम मिनिस्टर शिंदे और आंध्र प्रदेश कांग्रेस के इंचार्ज दिग्विजय सिंह ने कहा कि अलाहिदा तेलंगाना का अमल शुरू हो चूका है।