शम्स तबरेज़, सियासत ब्यूरो।
लखनऊ: मुख्तार अंसारी का जेल बदर करने का प्रस्ताव अधिकारियो पर ही भारी पड़ता नज़र आ रहा है अब मुख्तार अंसारी विचारधीन कैदी नहीं रहे बल्कि मऊ से बसपा प्रत्याशी भी हैं। अधिकारियों की दुविधा इस बात को लेकर बढ़ गई है कि अगर बसपा सत्ता में तो उनके लिए फज़ीहत अगर सपा दोबारा सत्ता में आई तो भी उनके लिए फज़ीहत ही फज़ीहत है।
ऐसे में अब मुख्तार अंसारी के जेल ट्रांसफर का प्रस्ताव जेल प्रशासन पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। अब मामला चुनाव आयोग को भेजने की तैयारी है। बीते दिनों जेल प्रशासन ने विभाग के प्रमुख सचिव को सुरक्षा कारणों से मुख्तार अंसारी को लखनऊ से आगरा शिफ्त करने का प्रस्ताव भेजा था, जो अधिकारियों के गले की न उगलते बन रहा और न ही निगलते बनता जा रहा है।