मुजद्दिद अलिफ़सानी का कोई सानी नहीं : शाही इमाम

शाही इमाम मस्जिद फ़तह पूरी दिल्ली मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने हज़रत मुजद्दिद अलिफ़सानी आलीशान कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि हज़रत इमाम रब्बानी मुजद्दिद अलिफ़सानी शेख़ अहमद फ़ारूक़ी सरहिंदी का कोई सानी नहीं है।

उन का फ़ैज़ जारी है जो हर अकीदतमंद को बराबर पहुंच रहा है। ख़ुशनसीब हैं जो उर्स शरीफ़ में हाज़िर हुए और ख़ुशनसीब हैं जो यहां हर साल कान्फ़्रेंस में शरीक होकर हज़रत के तज़किरा से फ़ैज़याब होरहे हैं। हज़रत इमाम रब्बानी मुजद्दिद अलिफ़सानी एक ऐसी अबक़री और रुहानी शख़्सियत थे, जिस ने एक ऐसे वक़्त में जन्म लिया जब पूरा हिंदुस्तानी मुआशरा इस्लाम की तालीमात को भूला कर दुनियावी रस्म-ओ-रिवाज में मुबतला होचुका था अगरचे मुजद्दिद अलिफ़सानी ने अकबर बादशाह के दीन अलहाई के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद ना की होती तो हमारा दीनी असासा मसख़ होकर रह जाता।

बिलाशुबा वो रूहानियत के शहनशाह हैं। जहांगीर बादशाह के सामने वो सीना सुपर होगए और जहांगीर को तौबा करके दीन इस्लाम की तरवीज पर राज़ी करलिया। इन ख़्यालात का इज़हार पीरे तरीक़त मस्नद नशीन इमाम अहलसुन्नत मुफ़्ती-ए-आज़म हज़रत मौलाना डाक्टर मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद नक़्शबंदी मुजद्दिद शाही इमाम ने मस्जिद फ़तहपुरी में आज यहां मुनाक़िदा अलिफ़सानी कान्फ्रेंस में किया।

उन्होंने मज़ीद कहा क अकबर बादशाह ने जब दीन इलहाई का नारा लगाया और जहांगीर ने उसको इस्लामी मुआशरा का हिस्सा बनाने की कोशिश की तो इन हालात में शेख़ अहमद सरहिंदी ने अकबर बादशाह की इस तहरीक का डट कर मुक़ाबला किया। उन्होंने कहा कि ये उनके तजदीदी कारनामों का ही सम्रा है कि आज हिंदुस्तान में उनके इस्लाही कारनामे लोगों के ज़हन में नक़्श हैं, उन ही का दम है कि आज मज़हब इस्लाम बाक़ी है और पूरी दुनियाए इस्लाम उनके रुहानी तसर्रुफ़ से फ़ैज़याब होरही है। मौलवी मुहम्मद अनस अहमद ने तिलावत कलाम पाक से कान्फ़्रेंस का आग़ाज़ किया।