मुजफ्फरनगर: कहीं दंगे की चिंगारी न बन जाए गैंगरेप

आबरू से खिलवाड़ की बढ़ती वारदातें कानून निज़ाम के लिए शोला बन सकती हैं। शाहपुर में जुमे के रोज़ हुए गैंगरेप के मामले में बवाल ने ऐसे ही खतरे का इशारा दिया है। एक दिन पहले कोतवाली के एक गांव में 75 साल की खातून से रेप करने की कोशिश की गई। मासूमों के साथ अब अधेड़ क्ख्वातीन भी महफूज़ नहीं रह गई हैं।

छेड़छाड़ की वारदात ही कवाल में बवाल की वजह बनी थी। बेटियों की सेक्युरिटी को लेकर तमाम कवायद फेल हो गई हैं। दो दिन पहले शाहपुर में बसी रोड पर कब्रिस्तान में हुए वाकिया ने शर्मसार कर दिया है। ज़हनी फितरत कहें या कुछ और, दरिंदो ने जिस्मानी तौर से कमजोर बेवा खातून से गैंगरेप किया।

मुतास्सिरा सात बच्चों की मां है। शौहर की मौत के बाद डिप्रेशन झेल चुकी है। मुश्किलात के बीच गैंगरेप ने खातून को झकझोर दिया है। मुतास्सिरा की मानें तो रेप में सात से आठ लोग शामिल रहे हैं।

एक चौकीदार ने पूरे वाकिये को देखा। उसका कहना है कि मुतास्सिरा खातून देर रात बागपत से अपने मायके लौट रही थी। तभी उसे मुल्ज़िमो ने अपना शिकार बना लिया। चौकीदार की इत्तेला पर पुलिस मौके पर पहुंची और खातून को थाने ले गई।

पुलिस ने वही खातून को ज़हनी तौर पर बीमार बताकर मामला रफा-दफा कर दिया। हद तो तब हो गई, जब पुलिस ने इज्जत का हवाला देकर मुतास्सिरा के घर वालो के हाथ में कुछ रुपये थमा दिए।

गैंगरेप की सुगबुगाहट फैली तो जुमे के रोज़ शाहपुर में बवाल हो गया। एसएसपी एचएन सिंह को भी लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा।

दंगे के बाद से दोनों फिर्के में पहले से ही तनाव हैं। ऐसे में गैंगरेप की वारदात ने चिंगारी का काम कर दिया। थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में दरिंदे दूसरे फिर्के के बताए गए हैं। इसी वजह से गुस्सा भड़का और गांव वालों ने अफसरों को घेर लिया।

मामले की संजीदगी को देखते हुए डीएम कौशलराज शर्मा को खुद शाहपुर पहुंचकर हालात संभालनी पड़ी। बाद में कमिश्नर तनवीर जफर और डीआईजी रघुबीर लाल भी पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पहुंचे और आफिसरों से मामले की पूरी मालूमात हासिल की ।

इसके बाद ही देर रात सीओ शैलेंद्र लाल को लाइन हाजिर करने के साथ ही थानेदार हिंदवीर सिंह समेत छह पुलिस मुलाज़िमों को सस्पेंड कर दिया गया।

मुतास्सिरा के गांव में गुस्साई भीड़ को समझाने के लिए डीएम कौशलराज शर्मा ने मोर्चा संभाला। रियासत के वज़ीर ज़राअत डॉ संजीव बालियान के वालिद डॉ सुरेंद्र पाल सिंह, उमेश मलिक वगैरह की मौजूदगी में डीएम ने कहा कि गुनाहगारों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। दंगा से मुतास्सिर गांवों की सेक्युरिटी को लेकर इंतेज़ामिया संजीदा है।

शाहपुर गैंगरेप की मुतास्सिरा की मेडिकल रिपोर्ट भी अभी उलझी हुई है। जिला डिस्ट्रिक्ट वुमेंस हास्पिटल की सीएमएस डॉ मृदुला अग्रवाल ने बताया कि मुतास्सिरा सात बच्चों की मां है।

सिर्फ मेडिकल की बुनियाद पर इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता कि रेप हुआ या नहीं। जांच के लिए सैंपल लिया गया है, पैथोलोजी की रिपोर्ट के बाद ही हकीकत सामने आएगी। उधर, डीआईजी रघुबीर लाल ने कहा कि स्लाइड की जांच रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

————-बशुक्रिया: अमर उजाला