मुजफ्फरनगर दंग‌: मुलायम ने कहा दंगाइयों को कुचल देंगे

मुजफ्फरनगर में अमन बहाली की कोशिशों के बीच ताजा तनाज़ों से सपा हुकूमत की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। एक बार फिर पुलिस की मुस्तैदी सवालों में है और सूबे के पुलिस सरबराह को मानना पड़ा कि फिर चूक हो गई है। मुजफ्फरनगर में दोबारा माहौल बिगड़ने से वज़ीर ए आला अखिलेश यादव खफा है और पार्टी की साख पर बट्टा लगने से तिलमिलाए सपा के चीफ मुलायम सिंह यादव ने ऐलान कर दिया है कि दंगे की साजिश करने वालों को कुचला जाएगा।

बुध के दिन दिल्ली में तीसरे मोर्चे के लिए सियासी पार्टियों की बैठक में सपा चीफ मुलायम सिंह यादव के सेक्युलरिज़म और दंगे के खातियों पर सख्त कार्रवाई का वादा किया था लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही मुजफ्फरनगर में दोबारा दंगे से पार्टी और हुकुमत दोनों कठघरे में हैं। सपा रियासती हेडक्वार्टर में सरदार पटेल और आचार्य नरेंद्र देव सालगिरह के मौके पर मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी नाइंसाफी के खिलाफ खड़ी है।

अयोध्या में जब बाबरी मस्जिद के ढांचे को शहीद करने की साजिश हुई, तब उन्होंने वही किया जो महाभारत में अर्जुन ने किया था। उपद्रवियों और साजिश करने वालों को मालूम होना चाहिए कि हुकूमत के हाथ बहुत लंबे होते हैं। सपा पर मुस्लिम परस्ती का इल्ज़ाम लग रहा है, ऐसे लोग समझ जाएं कि पार्टी नाइंसाफी के खिलाफ है और मुसलमानों के साथ नाइंसाफी हुई है।

मुलायम सिंह ने बीजेपी से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक बार उन्होंने बयान दिया कि बीजेपी पालिसी बदले तो नजदीकी की उम्मीद है। लालकृष्ण आडवाणी ने एक सीनियर लीडर को उनके पास भेजकर पूछा कौन सी पालिसीयां को बदलने की बात कर रहे हैं।

मुलायम ने तीन बातें कहीं। एक, मुसलमानों के बारे में राय बदलिये। अयोध्या से जुड़े मुद्दे पर अदालत के फैसला मानिये और कश्मीर की खुसूसी सहूलियात की मुखालिफत बंद करिये।

उनके इस सुझाव पर साबिक वज़ीर ए आज़म अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा था कि ये तीनों मुद्दे छोड़ दिए तो हमारे पास बचेगा क्या?

मुजफ्फरनगर में दोबारा माहौल बिगड़ने से वज़ीर ए आला अखिलेश यादव खफा हो गए हैं। उन्होंने किसी भी हाल में कानून‍ निज़ाम को कंट्रोल में करने और हमआहंगी बनाए रखने पर जोर दिया है। वज़ीर ए आला की सख्ती का ही असर है कि डीजीपी देवराज नागर और एडीजी/आइजी कानून‍निज़ाम राजकुमार विश्वकर्मा वहां कैंप कर रहे हैं।

बुढ़ाना कोतवाली इलाके के गांव हुसैनपुर के जंगल में दो फिर्को के लोगों के बीच हुई फायरिंग में तीन लोगों की मौत की खबर मिलने के बाद सूबे के पुलिस सरबराह नागर भी बुध की देर रात मुजफ्फरनगर पहुंचे। डीजी ने फिर पुलिस की चूक कुबूल की और कहा कि अगर पुलिस दंगे के बाद फौरन कार्रवाई करती तो हालात अलग होते।

डीजी ने पुलिस की ताकत व कियादत की सलाहियत पर भी सवाल उठाए। डीजीपी उखड़े-उखड़े दिखाई दिए। डाक बंगले पर उन्होंने पुलिस के तरीकेकार पर आइजी मेरठ जोन से भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ज़िले के हालात अभी सही नहीं हैं। कुछ लोग सियासी मुफाद भी साध रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि तिहरे कत्ल केस में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है। किसी बेगुनाह को जेल नहीं भेजा जाएगा।

पुलिस अफसरों ने दंगे के शुरुआती दौर की तरह इस बार भी मुखालिफत की बयानबाजी शुरू कर दी है। पुलिस डायरेक्टर जनरल देवराज नागर ने यह कुबूल किया कि पुलिस की लापरवाही है। पुलिस ने दंगे की चपेट में रहे इलाको से Paramilitary फोर्स हटा लिया था।

अनासिरो के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। डीजीपी के मुकुल गोयल ने लखनऊ में बोल दिया कि मुजफ्फरनगर में फिर्कावाराना दंगे की आग ठंडी ही कहां हुई थी। ऐसे बयानों के बाद सियासी हलकों में माना जा रहा है कि इससे हुकूमत की मुश्किलें और बढ़ रही हैं।

पार्टी की मुल्क बचाओ, मुल्क बनाओ की दूसरी रैली अब नौै नवंबर के बजाए 21 नवंबर को होगी, जबकि 23 नवंबर को झांसी और 30 नवंबर को इलाहाबाद में होने वाली रैलियों को फिलहाल रद कर दिया गया है। यह इत्तेला पार्टी के रियासती तर्जुमान राजेन्द्र चौधरी ने दी। पार्टी ज़राये का कहना है कि मुजफ्फरनगर के ताजा दंगे की वजह से बरेली की रैली की तारीख आगे बढ़ाई गई है।

बशुक्रिया: जागरण