मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर में एक हिंदू नौजवान की मौत के बाद इलाके में फिर्कावाराना तनाव फैलने का मामला सामने आया है. क़त्ल से नाराज गांव वालों के एहतिजाज से बचने के लिए भूमा गांव के मुसलमानों को एक मस्जिद में काफी देर तक छिपे रहना पड़ा.
पुलिस ने मंगल के रोज़ मौके पर पहुंचकर लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग कर गांववालों को खदेड़ा, जिसके बाद मुसलमानों को मस्जिद से बाहर निकाला गया.
पीर की रात 25 साला सतवीर को चार मोटरसाइकिल सवार लोगों ने गोली मार दी. वाकिये के वक्त उस इलाके में मुबय्यना तौर पर तीन पुलिसवाले भी मौजूद थे. इसके बाद, बहुत सारे हिंदू पुलिस की तरफ से मुबय्यना तौर पर एक्शन न लेने की वजह से मुतास्सिरा के घर के बाहर जमा हो गए और एहतिजाजी मुज़ाहिरा करने लगे. पुलिस के मुताबिक, बाद में भीड़ ने पत्थरबाजी और फायरिंग भी की. इसके अलावा, कुछ गाड़ियों को तोड़ डाला और कुछ में आग लगा दी. इस वजह से मुसलमानों को मस्जिद में पनाह लेनी पड़ी.
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी याकूब और मोनू को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी दो को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस बड़े पैमाने पर मुहिम चला रही है. एसपी क्राइम राकेश जॉली ने वाकिया के बाद फैले तनाव के मद्देनजर इलाके में कैंप किया.
मारे गए शख्स के खानदान का कहना है कि सतवीर को तीन पुलिसवालों की मौजूदगी में गोली मारी गई. इनमें एक इंस्पेक्टर भी था. घरवालों के मुताबिक, इसके बावजूद तीनों ने मुल्ज़िमों को पकड़ने की कोशिश नहीं की, जिसके बाद वे फरार हो गए. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाकिया के बाद मीरापुर पुलिस स्टेशन के एसएसओ को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस ने एसएचओ के खिलाफ मर्डर का केस दर्ज कराने की मांग की है.
सीएम फंड से फौतशुदा शख्स के खानदान वालो के लिए 5 लाख का मुआवजा और छोटे भाई को सरकारी नौकरी देने का तयक्कुन मिला है. हालांकि, मुकामी लोग 25 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं.