मुजफ्फरनगर, 11 सितंबर: फौज की तैनाती और कर्फ्यू के बीच चौथे दिन भी मुजफ्फरनगर में हालात मामूल नहीं हो सके। शहर में कोई बड़ा वाकिया नहीं हुआ, कर्फ्यू में ढील भी दी गई लेकिन देहात में तशद्दुद जारी रही। तशद्दुद की आग मेरठ, सहारनपुर, शामली, बागपत और हापुड़ के गांवों तक पहुंच गई। मेरठ में दो जबकि बाकी जिलों में एक-एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। इस तरह से फिर्कावाराना फसाद में मरने वालों की कुल तादाद 42 हो गई। इंतेज़ामिया ने अभी तक 37 लोगों के मरने की तस्दीक की है।
पुलिस ने मंगल के दिन कई मुकामत पर तलाशी मुहिम चलायी। फौज ने फ्लैग मार्च किया। बावजूद इसके मुजफ्फरनगर के मीरापुर थाना के गांव सिखरेड़ा में एक शख्स की तेज धार वाले हथियारों से काटकर कत्ल कर दिया गया। शाहपुर थाना इलाके के गांव सोरम में भी एक नजवान का क्त्ल कर दिया गया, हालांकि पुलिस इस मामले रंजिश बता रही है।
इसी इलाके के कसेरवा के पास नहर में एक नौजवान की लाश बरामद हुई है। जानसठ कोतवाली इलाके के कई गांव में रात के वक्त जमकर पथराव व फायरिंग हुई। इसके इलावा रतनपुरी के गांव भूखेड़ी में कोल्हू पर सो रहे 52 साला शख्स पर हमला कर दिया गया। खतौली के गांव कैलावड़ा में एक शख्स को शदीद तौर पर ज़ख़्मी कर दिया गया। शामली शहर कई बार फायरिंग की आवाज से दहल उठा।
बागपत में भी फिर्कावाराना झड़पों की खबर है। लोगो के घर जला दिये गये । मेरठ के मवाना कस्बे में अनासिर लोगो ने शादीघर में आग लगा दी। रियासत के होम सेक्रेटरी कमल सक्सेना ने मेरठ समेत मगरिबी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में लोगों के मारे जाने की तस्दीक की है।
दोपहर बाद 3.45 बजे से 5.30 बजे तक मुजफ्फरनगर शहर के तीन थाना इलाके में कर्फ्यू में ढील दी गई तो लोग बाजार में उमड़ पड़े। दवाइयां, दूध, सब्जी के इलावा रोजमर्रा की चीजें, दवाईया की जमकर खरीदारी हुई। पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की कतार लग गईं। कर्फ्यू में ढील की मुद्दत खत्म होने से पहले ही लोग अपने घरों को लौट गए और फिर सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।
मुजफ्फरनगर और शामली जिलों से हिजरत कर दो हजार मुस्लिम ने बागपत के खुब्बीपुर निवाड़ा गांव में पनाह ली है। इसी तरह से बागपत के दर्जनों गांवों में रहने वाले मुस्लिम महफूज़ वाले इलाको में चले गए हैं। मुजफ्फरनगर और शामली में फिरकावाराना दंगे की वजह से मुस्लिम तबके के लोगों का कई दिनों से हिजरत जारी है। बागपत के बड़ौत इलाके से दो दर्जन गांवों के सैकड़ों लोग रातोंरात जरूरी सामान समेटकर महफूज़ वाले इलाको मे चले गए।
पीर की रात से लेकर मंगल तक रमाला, कंडेरा, जिमाना, सूप, बावली, लौहड्डा, बासौली, लुहारी और आसपास के कई गांवों से लोग हिजरत कर गए। पुलिस सेप्रीटेंडेंट लक्ष्मी सिंह का कहना है कि लोग अपनी मर्जी से जा रहे हैं। उन्हें मंज़िल तक पहुंचाने के लिए पूरा इंतेज़ाम किया जा रहा है। अ