मुजफ्फरनगर में नौ दिनों के बाद हालात मामूल होने पर इंतेज़ामिया ने पीर की रात से शहर से कर्फ्यू हटा लिया है। फिलहाल पैरा मिल्ट्री फोर्स की तैनाती शहरी और देही इलाके में बनी रहेगी।
इंतेज़ामिया ने दावा किया है कि राहत कैंप से कुछ लोग घरों को लौट गए हैं। अब कार्रवाई का ऑपरेशन शुरू होगा। वज़ीर ए आला अखिलेश यादव के बाद वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह का दौरा पूरा करने के बाद आईजी ब्रजभूषण शर्मा, कमिश्नर भुवनेश कुमार, डीआईजी अशोक मूथा जैन, डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी प्रवीण कुमार ने काफी देर शहर के हालातों पर नज़र दौड़ाने के बाद कर्फ्यू उठाने का फैसला किया।
इस बीच, पीर के दिन जानसठ के पास गंगनहर से चार लाशे मिलने से सनसनी फैल गई। इनमें से तीन लाश तो एक साथ जटवाड़ा गंगनहर से बरामद हुए हैं। इनमें दो लाश जले हुए हैं, जबकि तीसरा पानी में गल गया है। चौथी लाश चित्तौड़ा झाल से मिला है।
डीएम और एसएसपी का कहना है कि पीर के दिन मिली लाशों को दंगे से जोड़ा जाना सही नहीं है, क्योंकि गंगनहर में लाशें बहकर आने का ट्रेंड बरसों पुराना है।
हिंसा में अब तक 44 लोगों की मौत हुई है, जबकि छह लाशें ऐसी हैं, जिनके बारे में जांच करायी जा रही है।
डीएम और एसएसपी ने पीर की देर शाम सहाफियों से बातचीत में कर्फ्यू उठाने का ऐलान किया। सात सितंबर को हुए दंगे के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। पांच दिन तक कर्फ्यू में ढील दी गई।
डीएम ने कहा कि शहर के हालात पूरी तरह मामूल हैं। एक-दो दिन में फौज को वापस करने पर भी फैसला लिया जाएगा।
एसएसपी के मुताबिक स्कूल, कॉलेज और इदारो के खुलने पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। स्कूल खुलने और छुट्टी के वक्त सेक्युरिटी इंतेज़ामात रहेगी। आइंदा कुछ दिनों तक शराब के ठेकों पर शाम सात बजे के बाद खोलने पर रोक रहेगी।