मुजफ्फरनगर रैली: साम्प्रदायिक ताकतों ने हिन्दू- मुस्लिम भाईचारे को खत्म कर दिया- अखिलेश

मुजफ्फरनगर। साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार इस इलाके में चुनावी रैली की संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपनी रैली के दौरान दंगों का ज्यादा जिक्र नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन का जिक्र किया।

अखिलेश यादव ने कैराना और खटौली में करीब-करीब 20 मिनट तक रैली को संबोधित किया। इसमें उनका पूरा जोर नोटबंदी, बजट और पश्चिमी यूपी से लोगों के पलायन के मुद्दे को उठाया।

साल 2013 के दंगों को रोकने में सरकार को तीन दिन लग गए इस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि ये हमारे आरोप लगाए गए कि हमने दंगों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया लेकिन ये केवल समाजवादी पार्टी की सरकार ही थी जिसने इतना सहयोग किया।

हमने बहुत कोशिशें की जिससे प्रभावित लोगों को मदद मिल सके और वो वापस अपनी जिंदगी में लौट सकें। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि सांप्रदायिक ताकतों ने इस इलाके के हिंदू-मुस्लिम भाई-चारे को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि हम मिलजुलकर शांति से काम करना पसंद करते हैं। हम बंटवारे की रणनीति को खारिज करते हैं लेकिन दूसरी पार्टियां इसे जहर की तरह फैलाने का काम करती हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करके हम एक बार फिर से भाईचारे को बढ़ावा देना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस के चुनाव निशान हाथ और सपा के चुनाव निशान साइकिल का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार कांग्रेस का हाथ साइकिल के हैंडल पर मौजूद है, हम इस बार जीत हासिल करेंगे।

उन्होंने कहा कि गठबंधन के बाद किसी ने भी इसको लेकर कोई आलोचना देखने को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस को बहुत ज्यादा सीटें दे दी लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं कि दोस्ती का मतलब दिल बड़ा रखना होता है। अगर आप दोस्त को लेकर स्वार्थी होंगे तो इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि ये गठबंधन सत्ता में जरुर आएगा।

नोटबंदी का जिक्र करते हुए अखिलेश ने मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालाधन वापस आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसके उलट उन्होंने आम जनता को लंबी लाइनों में खड़ा कर दिया। अब जबकि पूरा पैसा वापस आ गया है वो ये नहीं बता रहे कि आखिर कुल कितना पैसा बैंकों में वापस आया है।