मुजफ्फरनगर के फ़सादाद मुतास्सिर इलाक़ों में जाने से रोके गए दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सय्यद अहमद बुख़ारी का कहना है कि मुलायम सिंह यादव को उत्तरप्रदेश के वज़ीर-ए-आज़म ख़ान को समाजवादी पार्टी से बरतरफ़ कर देना चाहीए क्योंकि उन को अवाम से कोई लेना – देना नहीं है। बुख़ारी का दावा है कि ख़ान का आम लोगों से कोई वास्ता नहीं और मुस्लमान से नफ़रत करते हैं। समाजवादी पार्टी को उन्हें कोई एहमीयत ना देते हुए पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए।
बुख़ारी ने नामा निगारों से कहा ख़ान के पास रियासत के चार मुस्लमानों की हिमायत भी नहीं है। वो मुजफ्फरनगर फ़सादाद का ज़िम्मेदार हैं। ख़ान पर वोट बैंक की सियासत करने का इल्ज़ाम लगाते हुए बुख़ारी ने कहा कि वो दस सरकारी महिकमों का ज़िम्मा सँभाल रहे हैं। लेकिन मुस्लिम फ़िरक़े को अभी तक कोई फ़ायदा नहीं पहुंचाया है। उन्होंने कहा हम ने असेम्बली इंतेख़ाबात में समाजवादी पार्टी का साथ दिया था। लेकिन इक़तेदार में आने के बाद वो हमारी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी क़ानून और बिगड़ गई है।
बुख़ारी ने कहा में मुजफ्फरनगर के फ़साद मुतास्सिर इलाक़ों का दौरा कर के मुतास्सिरीन और उनके ख़ानदानों से मिलना चाहता था. हुकूमत को क़सूरवारों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहीए।