मुजफ्फराबाद: कश्मीर में बुरहान मुजफ्फर वाणी के मारे जाने के बाद पैदा होने वाले गंभीर स्थिति और भारती बलों द्वारा कश्मीरियों पर भारी अत्याचार के खिलाफ इन्टरनेशनल मंच फॉर जस्टिस एंड ह्यूमन राइट्स और पासबान हुर्रियत कश्मीर आयोजित राजधानी मुजफ्फराबाद में केंद्र सदन पत्रकारिता से गढ़ी पणचौक तक विरोध रैली निकाली गई और नागरिकों की मौत, सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी और हुर्रियत नेतृत्व नजरबंद किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र, ओआईसी और बेस केम्प की हुकूमत और कयादत की चुप्पी की निंदा की।
विरोध रैली को संबोधित करते हुए मंच के वाइस चेयरमैन मुश्ताक इस्लाम, पासबान हुर्रियत के अध्यक्ष अज़ीज़ अहमद गजाली, पीटीआई के केंद्रीय नेता ख्वाजा फारूक अहमद, निदेशक कश्मीर लिबरेशन सेल, राजा सज्जाद लतीफ, पीपुल्स पार्टी के मीडिया सलाहकार शौकत जावेद मीर, अबू हमज़ा अली बहादुर, मौलाना जाहिद अतरी, मुस्लिम लीग एन के केंद्रीय लीडर आसीफ मुस्त्फाई, उस्मान अली, राजा आरिफ, अब्दुल परदेसी और अन्य ने कहा कि कश्मीर में बुरहान मुजफ्फर वाणी के नेतृत्व के बाद कश्मीरियों के शांतिपूर्ण विरोध को रोकने के लिए भारतीय सेना शक्ति का अंधाधुंध उपयोग कर रही है, वह खेद के योग्य है। उन्होंने इस बात पर सख्त विरोध जताया कि घाटी में नागरिकों के मारे जाने पर विश्व समुदाय ने चुप्पी साध रखी है, ओआईसी ने भी चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि इस समय कश्मीर की जनता को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समर्थन की जरूरत है।