मुझे इंसाफ चाहिए बदला नहीं: बिलकिस बानो

नई दिल्ली: अपने मुक़दमे को निर्भया गैंग रेप मामले से अलग बताते हुए, गुजरात दंगो में बची रेप कांड की पीड़िता बिलकिस बानो ने सोमवार को बताया की वह अपने मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मौत की याचिका के ख़ारिज किये जाने से संतुष्ट है|

गुजरात दंगो क समय बानो 19 वर्ष की थी और गर्भवती होएं क बावजूद उनके साथ कई आदमियों क्रूरता से पेश आए, उनकी आँखों सामने ही उनके घर के सदस्यों को जान से मार दिया गया|

गौरतलब है की ट्रायल कोर्ट के 11 साल की कैद के फैसले को बरक़रार रखते हुए, बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 मई को सीबीआई द्वारा दायर की गई सजाए मौत की अर्ज़ी को बर्खास्त कर दिया था|

संवादाताओं से बात करते हुए बिलकिस बानो ने कहा की ” मैं कोर्ट के निर्णय से बहुत खुश हूँ,जो भयावना वक़्त मैंने देखा उसे ध्यान में रखते हुए सबसे कड़ी सज़ा होनी चाहिए लेकिन मैं यह भी नहीं चाहती की मैं किसी की मौत का कारन बनु | मुझे इंसाफ चाहिए था न की बदला|”

उन्होंने कहा कि पांच पुलिसकर्मियों की रिहाई को उच्च न्यायालय द्वारा रद कर दिया गया है, इन्हें कठोर दंड दिया जाना चाहिए। आपको बता दे की 2008 के ट्रायल कोर्ट के फैसले में इन पुलिस कर्मियों को रिहा कर दिया गया था|

इससे पहले 5 मई को सर्वोच्या न्यायालय ने ‘निर्भया रेप मामले’ में चारो दोषियों को मौत की सज़ा का निर्णय बरकरार रखा था| इस मामलें में पीड़िता के साथ १६ दिसंबर २०१२ को दिल्ली में चलती बस के अंदर गैंग रेप के दौरान कई अमानवीय काम किये गए, जिसके बाद पीड़िता की 13 दिन बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी|