मुझे खिलौनों की बजाय टेंशन मिली :ग़ालिब गुरु

images(6)

नई दिल्ली। संसद हमले में फांसी की सजा पा चुके अफजल गुरु के बेटे ने दसवीं की इम्तहान में मिशाल कायम किया है. ग़ालिब को दसवीं में 95 फीसदी नंबर मिले हैं. जम्मू कश्मीर बोर्ड इम्तहान में गालिब को 500 में से कुल 474 नंबर मिले हैं। सभी पांच सब्जेक्ट्स में गालिब को ए वन ग्रेड मिले हैं। गालिब सोपोर के एसआरएम वेल्किन स्कूल में पढ़ता है। गालिब के मरहूम वालिद अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी जा चुकी है।

गालिब ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैंने बचपन से टेंशन देखीं है। आम बच्चों के हाथों में बचपन में खेलने के लिए खिलौने होते हैं, मैंने अपने बचपन में अपने आस पास टेंशन देखी।

अपने मरहूम वालिद के बारे में बताते हुए गालिब कहता है, मेरे वालिद ने 13 साल जेल में गुजारे, मैं उनसे मिलने जाता था। मुझे पता नहीं था कि वो वहां क्यों हैं। मुझे लगता था कि जैसे टीवी सीरियलों में दिखाते हैं ऐसे ही किसी को मारा होगा इसीलिए जेल में हैं। बाद में न्यूज देख कर पता चला कि संसद हमले की साजिश में उन्हें जेल में रखा गया है।

गालिब आगे बताता है, इस पूरे हादसे ने मुझे कुछ अलग करने के लिए मुतास्सिर किया। मैं अब डॉक्टर बनना चाहता हूं। लोगों की खिदमत करना चाहता हूं।

अपने वालिद के बारे में बात करते हुए गालिब कहता है, मेरे वालिद कहते थे कि नमाज़ पढ़ो । जब भी मुझे उनकी याद आती है मैं नमाज़ पढ़ता हूं। मेरे वालिद मुझे इस्लामिक स्कॉलर बनना चाहते थे।

गालिब अपनी मां के बारे में भी बताता है. गालिब कहता है, मेरी मां मुझे डॉक्टर बनाना चाहतीं हैं मेरी मां अक्सर अब्बू को याद करके रोतीं हैं, मैं उनसे भी नमाज पढ़ने के लिए कहता हूं। हमें खुदा की इबादत करनी है और दुनिया जीतनी है।