‘मुझे टॉर्चर कर रही है NIA’ : यासीन भटकल

इंडियन मुजाहिदीन के Co – Founder यासीन भटकल ने नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) पर टॉर्चर करने का इल्ज़ाम लगाया है। भटकल ने अदालत के सामने दावा किया कि जांच एजेंसी ने उसे तिहाड़ जेल की ऐसी कालकोठरी में रखा जहां उसे न ढंग का खाना दिया गया और न ही इलाज किया गया जबकि उस दौरान वह पेट की बीमारी से गुजर रहा था।

डिस्ट्रिक्ट जज आईएस मेहता ने इस मामले में तिहाड़ जेल इंतेज़ामिया को रिपोर्ट सौंपने की हिदायत दी है। अदालत ने जेल इंतेज़ामिया को यह भी हिदायत दी है कि वह भटकल को नियमों के तहत सारी सहूलियात फराहम कराए। भटकल ने अपनी अर्जी में कहा था कि जेल के अंदर उसके साथ जानवरों से भी बदतर सुलूक किया जा रहा है। उसे ऐसी जेल में रखा गया है जहां न तो ताजी हवा आती है और न सूरज की रोशनी।

भटकल की ओर से पेश एडवोकेट एम. एस. खान ने कोर्ट को बताया कि उनके क्लाइंट को जेल में न तो ढंग का खाना मिल रहा है और न ही इलाज जबकि वह पेट की बीमारी का शिकार है।

भटकल की अर्जी में कहा गया है कि एनआईए की कस्टडी के दौरान उसे साइंटिफिक तरकीब के जरिए बुरी तरह टॉर्चर किया गया। वह अब तक टॉर्चर के शॉक से बाहर नहीं आ पाया है। उसके वकील ने अदालत को बताया कि करीब आठ महीने पहले भटकल की गिरफ्तारी के बाद से उसे कालकोठरी में रखा गया है। उसे सूरज की रोशनी भी देखने को तभी मिलती है जब पूछताछ या कोर्ट में पेश करने के लिए उसे लाया जाता है। भटकल को अब सनलाइट में आते ही चक्कर आने लगते हैं। कहने के बावजूद जेल इंतेज़ामिया उसे जरूरी इलाज मुहैया नहीं करा रहा है।

अर्जी पर गौर करने के बाद अदालत ने जेल इंतेज़ामिया से रिपोर्ट तलब की। मामले में अगली सुनवाई 29 मई को होगी।