मुझे बोस्टन धमाके में भी फंसा सकता था अमेरिका: आजम

रामपुर, 29 अप्रैल: अमेरिका मुसलमानों का सबसे बड़ा दुश्मन है। झूठ, मक्कारी व कत्लेआम कराना अमेरिका की फितरत में है। एयरपोर्ट पर तौहीन करना तो क्या वो तो हमें बोस्टन धमाके में या किसी नई साजिश के इल्ज़ाम में भी फंसा सकता था। इसके लिए उसे हमारी जेब में सिर्फ व्हाइट हाउस का नक्शा ही तो डालना पड़ता।

यह कहना है उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान का। मुल्क मे वापसी के बाद रामपुर में उन्होंने जमकर अमेरिका पर गुबार निकाला। कहा कि अमेरिका दुनियाभर के मुसलमानों को बेइज्जत कर चुका है। इराक व कई जगहों पर मुस्लिमों का कत्लेआम करा चुका है। इराक, सऊदी अरब, लेबनान वगैरह में कब्जे किए हैं।

मरकज़ी वज़ीर ए खारेज़ा सलमान खुर्शीद से जुड़े सवाल पर आजम एक दिन पहले के बयान से कुछ बदले नजर आए। कहा-मैं नहीं जानता कि सलमान की अमेरिका में क्या हैसियत है, लेकिन इतना जानता हूं कि वह छोटी सोच के आदमी हैं। कुछ दिन पहले रामपुर दौरे पर आए तो कुछ लोगों से कहा कि आजम यूनिवर्सिटी क्यों बना रहे हैं, मुस्लिमों के लिए आइटीआइ खुलवाए तो जा रहे हैं। इससे लगता है कि वो मुस्लिमों को फिटर, मिस्त्री जैसी तालीम तक ही महिदुद रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मरकज़ी हुकूमत की ताइद करना हमारी मजबूरी है, क्योंकि सपा ने बीजेपी को सत्ता से रोकने के लिए मरकज़ (केंद्र) की ताइद की है ।

सरबजीत मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कुरआन ध्यान से पढ़ना चाहिए। ऐसा करने पर साफ हो जाएगा कि कैदियों व बंदियों के साथ कैसे बर्ताव किया जाता है। काबीना के वज़ीर ने बताया कि उत्तर प्रदेश से कॉमन वेल्थ डेलीगेशन 20 मई को कुछ मुल्कों के दौरे पर रवाना हो रहा है। अमेरिका के ताजा रुख को देखते हुए वफद अब अमेरिका नहीं जाएगा। इसमें असेम्बली के सदर समेत रियासती हुकूमत के लगभग 20 वफद शामिल हैं।