मुझे भले ही फांसी दे दो, लेकिन रिज़र्वेशन खत्म न होने देंगे : लालू प्रसाद

खगड़िया : राजद सदर लालू प्रसाद मंगल को नवगछिया, पीरपैंती, नारायणपुर व खगड़िया की इंतिखाबी इजलास में जमकर पासमानदा कार्ड खेलते नजर आए। उनके निशाने पर आरएसएस व बीजेपी रही। नवगछिया के इंटर सतही हाइ स्कूल, पीरपैंती के शेरमारी मैदान, नारायणपुर में जेपी कॉलेज व खगड़िया के अलौली हाईस्कूल मैदान में वे इंतिखाबी सभा को खिताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस साधु, संत, लंठ व महंथ को तहफ्फुज करता है। बिहार में जब से हम और नीतीश मिले हैं, कहता है जंगलराज-2 आ गया है। जंगलराज-2 नहीं, अब मंडलराज-पार्ट-2 आएगा।

मोहन भागवत के रिज़र्वेशन से मुतल्लिक़ बयान पर कहा- खबरदार, लालू ताल ठोककर खड़ा है। फांसी पर चढ़ जाएगा, पर रिज़र्वेशन खत्म होने नहीं देगा। नरेंद्र मोदी पर कहा कि क्या बोले थे, अच्छे दिन आएंगे, ब्लैक मनी लाएंगे, नौकरी देंगे, महंगाई कम करेंगे… क्या हुआ? अब कहते हैं, यह जुमला था। ये सब हवाबाज हैं। कहता है पेट्रोल सस्ता कर दिए, बताओ गरीब दाल पीएगा या पेट्रोल। आज गरीब की कटोरी से दाल गायब है। महंगाई उरोज पर है। नरेंद्र मोदी अमेरिका घूम रहे हैं। कहते हैं स्मार्ट सिटी बनाएंगे। हमें स्मार्ट गांव चाहिए।

लालू प्रसाद ने कहा कि आजादी के पहले मुल्क में नसली मरदम शुमारी हुई थी। इसके बाद जब हमने आवाज उठाई तो मरकज़ में बैठे लोगों के पेट में दर्द होने लगा। काफी जद्दोजहद के बाद आधी-अधूरी रिपोर्ट जारी की गई। फिर भी हम छोड़ेंगे नहीं। अभी लड़ाई और चलेगी। भाजपा के निशाने पर अभी बिहार है। वह आगे कोलकाता पर कब्जा करना चाहती है। इसके बाद कहेगी सभी मुसलमान पाकिस्तान चले जाओ। यह सब कुछ लालू के ज़िंदा रहते तो नहीं हो सकता है।

लालू प्रसाद ने कहा कि ऊंची जाति के गरीबों से मुझे नफरत नहीं है, वे मेरे भाई हैं। बिहार के इंतिख़ाब पर पूरे मुल्क की नजर है। मुल्क में जम्हूरियत कायम रहेगा या नहीं, यह बिहार की आवाम को तय करना है। नरेंद्र मोदी मुल्क के लिए खतरा हैं। सूली पर चढ़ जाएंगे, पर मुल्क में फिरका परस्त ताकतों को नहीं पनपने देंगे। अपने रेल वज़ीर के मुद्दत की चर्चा करते हुए कहा कि उनके वक़्त में गरीबों के लिए गरीब रथ चलाई गई। कुली को पक्की नौकरी दी, गरीब-गुरबों को उनका हक़ दिया, इसलिए इसबार चूकना मत। फिर लालू की हुकूमत बनानी है। नीतीश वजीरे आला होगा और हमलोग मिल-जुल कर हुकूमत चलाएंगे।