शिवसेना के पार्टी के चीफ उद्धव ठाकरे ने नाराज लीडरों की तरफ से कड़ा रुख अपना लिया है| उन्होंने साफ-साफ कहा है कि जिन लीडरों को उनके लीडरशिप / कियादत पर भरोसा नहीं, वे बेशक पार्टी छोड़कर जा सकते हैं| जुमे के रोज़ मातोश्री में हुई लीडरों की बैठक से पहले ठाकरे ने यह बात कही|
उन्होंने सहाफियों को बताया कि वे नहीं चाहते कि पार्टी में आस्तीन के सांप हो इसलिये जो नाराज हैं वे जा सकते हैं| ठाकरे ने पहले भी नाराज लीडरों की तरफ इस तरह का रुख अपनाया था|
शिवसेना के सीनीयर लीडर मनोहर जोशी ने कुछ दिन पहले ठाकरे की कियादत को बिलावास्ता तौर पर कमजोर बताया था| जोशी और उद्धव के बीच उसी बात को लेकर अब तक मनमुटाव चल रहा है| इसके बाद साबिक एमपी मोहन रावले ने एमएनएस के चीफ राज ठाकरे से मुलाकात की थी|
उनकी इस मुलाकात को उद्धव की तरफ रावले की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है. तीसरे लीडर रामदास कदम भी राज ठाकरे के राबिता में होने की चर्चा है|
राज ठाकरे के शिवसेना छोड़ने के बाद ही उद्धव ठाकरे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब कोई खुले-खुले सामने आ जाता है तो उससे मुकाबला करना आसान रहता है| अंदर रहकर घात करने वालों से निपटना थोड़ा मुश्किल रहता है|