जारीया साल मार्च के अवाख़िर तक 14 पायलेट्स और अमला ( कर्मचारी वर्ग) के 31 अरकान ( सदस्य) जिस वक़्त ड्यूटी पर रुजू हुए उस वक़्त वो हालत-ए-नशा में थे । वज़ीर शहरी हवा बाज़ी अजीत सिंह ने ये बात बताई जिस से अंदाज़ा होता है कि पायलेट्स बेहतरीन तनख़्वाहें हासिल करते हुए एक पुरतैश ( अच्छी) ज़िंदगी गुज़ारते हैं और ड्यूटी पर हाज़िर होते वक़्त ये ख़्याल भी नहीं करते कि नशा की वजह से तैय्यारा (विमान) की उड़ान मुतास्सिर (प्रभावित) हो सकती है और मुसाफिरैन ( यात्रीयों) की जान को ख़तरा लाहक़ हो सकता है ।
परवाज़ों से क़ब्ल ( पहले) पायलेट्स और अमला ( कर्मचारी वर्ग ) के अरकान ( सदस्य) की सांसों का टेस्ट लिया जाता है जिस में सब से ज़्यादा नशे बाज़ पायलेट्स का ताल्लुक़ ( संबंध) जेट एयरवेज़ से था । अजीत सिंह ने एक सवाल के जवाब में लोक सभा में ये बात कही ।
जारीया साल जनवरी से मार्च जेट एयरवेज़ के चार पायलेट्स और अमला( कर्मचारी वर्ग) के 20 अरकान ( सदस्य) हालत-ए-नशा में ड्यूटी पर रुजू हुए थे जबकि इन्डिगो एयर लाईन्स के दो पायलेट्स और अमला ( कर्मचारी वर्ग) के नौ अरकान ( सदस्य) , एयर इंडिया के तीन पायलेट्स और अमला के तीन अरकान , स्पाइस जेट के दो पायलेट्स और अमला के तीन अरकान , जेट लाईट का एक पायलेट और अमला के तीन अरकान और किंगफिशर के दो पायलेट्स और अमला का एक रुकन की ड्यूटी पर रुजू होने से क़ब्ल ( पहले) जब सांसों का टेस्ट लिया गया तो वो एल्कोहल से पर थी यानी उन्होंने शराब पी रखी थी । यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि अंदरून-ए-मुल्क परवाज़ों के लिए तमाम एयर लाईंस के पायलेट्स और अमला के अरकान का मेडीकल चेक अप लाज़िमी तौर पर किया जाता है ।