मुतअस्सिब पुलिस अमला पर नज़र रखने हुकूमत से मुतालिबा

हैदराबाद।०२ मार्च (सियासत न्यूज़) अक़ल्लीयतों के लिए मुख़तस बजट हुकूमत केअक़ल्लीयत दोस्त होने का सबूत है। हुकूमत को चाहीए कि वो फ़िर्कावाराना ज़हनीयत के हामिल पुलिस ओहदेदारों की भी कड़ी निगरानी करे ताकि हुकूमत को मुस्तक़बिल मेंपशेमानी का सामना ना करना पड़ी।

एम अलसी फ़ारूक़ हुसैन ने आज कौंसल में इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्हों ने बताया कि आंधरा प्रदेश पहली रियासत है जिस मेंबेगुनाह नौजवानों को मुआवज़ा अदा करते हुए एक मिसाल क़ायम की ही। चीफ़ मिनिस्टर अक़ल्लीयतों केलिए बजट में जो इज़ाफ़ा किया है काबिल-ए-सिताइश ही। इस के इलावाहुकूमत को चाहिए कि इमकना स्कीम में देही इलाक़ों में 10 फ़ीसद और शहरी इलाक़ों में 20 फ़ीसद अक़ल्लीयतों को इमकना की फ़राहमी यक़ीनी बनाने इक़दामात करी। उन्हों ने कहा कि 489 करोड़ बजट की तख़सीस के इलावा 4 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात में 10 साल की तौसीअ से हज़ारों तलबा को फ़ायदा होगा।

उन्हों ने कमिशनरीयट के क़ियाम का ख़ौरमक़दम करते हुए कहा कि कमिशनरीयट का क़ियाम नागुज़ीर ही। उसे फ़ौरी अमलीजामा पहनाया जाना चाहीए क्यों कि कमिशनरीयट के क़ियाम से ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ और नाजायज़ क़बज़ा जात की बर्ख़ास्तगी को यक़ीनी बनाया जा सकता है। जनाब फ़ारूक़ हुसैन ने नए हज हाओज़ की तामीर केलिए 12.5 करोड़ रुपय की तख़सीस और अक़ल्लीयतों तलबा को ग्रुप। और ग्रुप।I की तर्बीयत केलिए मराकज़ के क़ियाम का ख़ौर मक़दम करते हुए कहा कि हुकूमत को चाहीए कि वज़ीर-ए-आज़म के 15 नकाती प्रोग्राम को काबुल अमल बनाने मंडल वारी सतह पर इस का जायज़ा लेने की इंतिज़ामीया को हिदायत दे और माहाना 15 नकाती प्रोग्राम पर इजलास के इनइक़ाद को यक़ीनी बनाई।

उन्हों ने कहा कि बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को दुबारा अज़ीयत रसानी-ओ-हुर्रा सानी का सामना करना ना पड़े इस लिए हुकूमत फ़िर्कावाराना ज़हनीयत के हामिल पुलिस ओहदेदारों पर नज़र रखी। उन्हों ने एक करोड़ 30 लाख ख़वातीन में तक़सीम किए जाने वाले 10 हज़ार करोड़ के बजट में अक़ल्लीयती ग्रुपस को भी शामिल करने मुतालिबा किया।

उन्हों ने हुकूमत से ख़ाहिश की कि इजतिमाई शादीयों केलिए रक़म को 15 हज़ार से बढ़ाकर 25 हज़ार किया जाय ताकि नाकाफ़ी होने की शिकायात का अज़ाला होसकी। उर्दू भवन, शादीख़ाने की नामुकम्मल इमारतों की फ़ौरी तकमील के इक़दामात के इलावा जिन इलाक़ों में उर्दू भवन-ओ-शादी ख़ाने मौजूद नहीं हैं वहां क़ायम करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि हुकूमत को चाहीए कि उर्दू ज़बान को रोज़गार से मरबूत करते हुए अक़ल्लीयती नौजवानों को रोज़गार के मवाक़े फ़राहम करी। राजीव युवा करना लो में 4 ता 10 फ़ीसदमुस्लिम नौजवानों को रोज़गार फ़राहम करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्हों ने बताया कि हुकूमत की जानिब से अक़ल्लीयती नौजवानों को रोज़गार फ़राहम किए जाने की सूरत में अक़ल्लीयतों की मआशी बदहाली को दूर किया जा सकता है।

उन्हों ने चीफ़ मिनिस्टर सेख़ाहिश की कि वो हाईकमान के ज़रीया और अपने तौर पर ऐम पेज को पाबंद बनाईं कि वो हर साल बजट का कम अज़ कम 20 फ़ीसद अक़ल्लीयतों पर ख़र्च करें ताकि अक़ल्लीयतों की समाजी-ओ-तालीमी हालत को बेहतर बनाया जा सकी। उन्हों ने अक़ल्लीयती मालीयाती कारपोरेशन की कार कर्दगी में बेहतरी पैदा करने साबिक़ा असकीमात को बहाल करने पर ज़ोर दिया।