हैदराबाद 05 मार्च: अकबरुद्दीन ओवैसी हमला केस की रोज़ाना की असास पर समाअत के दौरान रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर पुलिस चंदरायनगुट्टा ए रामलो ने दूसरे दिन भी अपना बयान कलमबंद करवाया और वकलाए दिफ़ा ने उन पर जरह किया।
एडवोकेट अछूता रेड्डी के जरह के दौरान गवाह ने बताया कि अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई ने किसी भी शख़्स पर फायरिंग नहीं की और ना ही कोई शख़्स उनकी फायरिंग से ज़ख़मी हुआ। रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर ने अदालत में दिए गए अपने बयान में बताया कि हादसे के दिन उन्होंने किसी भी शख़्स को गोली लगने से हलाक होता हुआ नहीं देखा बल्कि उसी दिन शाम को एक शख़्स की मौत वाक़्ये होने की इत्तेला मिली।
सब इंस्पेक्टर रामलो ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने बयान में हमले के दौरान किसी भी शख़्स की मौत वाक़्ये होने की इत्तेला नहीं दी है। इस जरह के बाद सब इंस्पेक्टर रामलो की गवाही मुकम्मिल हो गई। नामपल्ली क्रीमिनल कोर्ट में एक और ज़ेर दौरान मुक़द्दमा जो मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई मुहम्मद पहलवान के इंटरव्यू पर बंजारा हिलस पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था की समाअत तीसरे एडीशनल चीफ़ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के मीटिंग पर हुई जहां पर पुराने शहर के मुक़ामी सोश्यल मीडिया चैनल (बर्क़ न्यूज़) के नुमाइंदे पर जरह की गई।
क्रीमिनल कोर्ट के सीनीयर एडवोकेट मुहम्मद मुज़फ़्फ़र उल्लाह ख़ान शफ़ाअत ने बर्क़ न्यूज़ के नुमाइंदे मुज्तबा हुसैन से ये सवाल किया कि क्या उनका न्यूज़ चैनल महिकमा इत्तेलाआत-ओ-ताल्लुक़ात आमहका लाईसेंस याफताह चैनल है ? क्या ये चैनल महिकमा डाक और इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट से रजिस्टर्ड शूदा है ? चैनल के नुमाइंदा ने बताया कि बर्क़ न्यूज़ सोश्यल मीडिया चैनल है जिसका लाईसेंस नहीं है और यूट्यूब के ज़रीये वो न्यूज़ अपलोड करते हैं।
एडवोकेट ने अपनी जरह में ये दरयाफ़त किया कि क्या बर्क़ न्यूज़ मजलिस पार्टी के नुमाइंदों के 80 फ़ीसद ख़बरें और इंटरव्यू नशर करता है जिसके जवाब में नुमाइंदे ने बताया कि 50 फ़ीसद मजलिस की ख़बरें चैनल पर दिखाई जाती हैं और उनकी चैनल 24 घंटे के लिए दस्तयाब नहीं है।
अदालत में मुहम्मद पहलवान के इंटरव्यू की सी डी दिखाई गई और इस इंटरव्यू में इंटरव्यू करने वाले नुमाइंदे की तस्वीर या शनाख़्त नहीं दिखाई गई। मज़कूरा न्यूज़ नुमाइंदा ने अपने बयान में बताया कि उनका सोश्यल मीडिया चैनल किसी भी केबल टीवी ऑप्रेटर के ज़रीये नशर नहीं किया जाता। इस केस की आइन्दा समाअत 14 मार्च को मुक़र्रर की गई ।