लीबिया के मुतहारिब धड़े क़ौमी हुकूमत की तशकील पर मुत्तफ़िक़ हो गए हैं। जुमेरात के रोज़ इस सिलसिले में अक़वामे मुत्तहिदा की ज़ेरे निगरानी तय पाने वाले मुआहिदे पर मराक़श में दस्तख़त किए गए, जिसके बाद मग़रिबी ताक़तों को अंदरूनी ख़लफ़िशार के शिकार लीबिया में इस्तिहकाम और इंतिहापसंद तंज़ीम दाइश के ख़िलाफ़ जंग में कामयाबी की पैदा हुई है।
मस्लूब मुतलक़ुल अनान सदर मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के इक़्तेदार के ख़ातमे के बाद से लीबिया में हुकूमत और सरकारी इदारे मुसलसल तक़सीम का शिकार हैं और मुल्क में दो मुतवाज़िन हुकूमतें काम कर रही हैं। इस्लाम पसंद मलेशियाओं पर मुश्तमिल एक हुकूमत तेराबलस जबकि बैनुल अक़वामी तौर पर तस्लीम कर्दा हुकूमत लीबिया के मशरिक़ी हिस्से से काम कर रही है।
फ़रीक़ैन की जानिब से इक़्तेदार पर मुकम्मल क़ब्ज़े की मुसलसल कश्मकश के बाद अक़वामे मुत्तहिदा ने तजवीज़ दी थी कि एक मुत्तहदा हुकूमत और सीज़ फ़ायर को अमल में लाया जाए ताकि बैनुल अक़वामी इमदाद और लीबिया की तरक़्क़ी का रास्ता खोल सके।