मुताल्बात पूरे न होने पर इंडियन मुस्लिम एक्सप्रेस ट्रस्ट ने तहरीक की धम्की दी, ये धम्की तंजीम के जेरे एहतेमाम मुनक्कीदा नशस्त में दी गयी। पाकुड़ जिला के इसहाक़ पीआर में मुनक्कीद थी जिसकी सदारत ट्रस्ट के चीफ़ पर्सन अब्दुल रशीद मजहरी ने की इसकी इत्तिला देते हुये सुबायी नायब सेक्रेटरी अब्दुर्रहमान ने बताया के इंडियन मुस्लिम एक्स्प्रेस ट्रस्ट की इसहाक़पुर में मजलिस मुनक्कीद हुयी जहां जेनरल सेक्रेटरी अब्दुल अज़ीज़ मुर्शिदाबाद, अब्दुल कादिर मगरीबी बंगाल, के इलावा इलाकाई ओलमा दानिश्वरान ने मजलिस की खिताब किया। मजलिस की खिताब करते हुये अब्दुल अज़ीज़ मुर्शिदाबादी ने हुकुमते हिन्द के रवैयों पर दुख-दर्द का इज़हार किया और कहा के सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिया हुआ 20 साल हुये के मुसलिक के तमाम इमाम और मूअज़्ज़िनो को तंख्वाह दी जाये लेकिन अब तक तीन-चार रियासतों को छोड़ कर बाक़ी दीगर रियासतों में इसका नफाज क्यों नहीं हुआ।
उन्होने मजीद कहा के हमें अपने हक़ के लिए बेदार होना पड़ेगा, हमें इसके लिए आवाज उठानी पड़ेगी, मुर्शिदाबादी ने कई वुजरा के साथ हुये तबादिला ख्याल का हवाला देते हुये बताया के इसका नफाज बहुत जल्द मुल्क के तमाम रियासतों में होगा, उन्होने ट्रस्ट से आवाम को जोड़ने की तरगीब दिलाई और उसके तहत रह कर मुत्ताहीदा तौर पर काम करने की गुजारिश की, वहीं सदर प्रोग्राम मौलाना मज़हरी निहायत ही मुख़तसर अंदाज़ में अपना सदारती खिताब पेश किया जहां उन्होने कहा के सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर अमल आवरी पर कोई चीज माने नहीं हुआ करती बल्कि इसपर अमल लाज़मी हो जाता है लेकिन इमामों के इस मसला पर इतनी ताखीर क्यों? इमामों की तंख्वाह इनका हक़ है क्योंकि इनके हुकुक उनसे छुपाए जाते हैं, मौलाना मज़हरी ने आखिर में कहा के अगर हुकूमत साल रवां के 13 मई से पहले इस मामले पर अमल नहीं करती और ट्रस्ट के मुतालिबात के पूरे नहीं करती तो मुल्क गैर पैमाने पर तहरीक चलाई जायगी, जिसमे लाखों अफराद शामिल होंगे। हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी और 20 साल तक की तमाम आई गयी हुकूमतों पर कानूनी शिकंजे कसे जाएंगे।