मुतास्सिरा की मां ने कहा, यह कुदरत का कानून है

नई दिल्ली, 13 मार्च: ‘यह कुदरत का कानून है, यह तो होना ही था। कानून उसे सजा देता, उससे पहले उसने खुद ही अपनी सजा तय कर ली।’ भारी मन से लंबी सांस लेते हुए यह बात वसंत विहार गैंग रेप की मुतास्सिरा की वालदा ने कही।

वसंत विहार में 16 दिसंबर 2012 को हुए गैंग रेप के अहम मुलज़िम राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर जान दे दी। यह खबर मुतास्सिरा के घर तक पहुंची तो घर वालों को बेशक इससे खुशी नहीं हुई लेकिन उन्हें इत्मीनान जरूर हुआ।

अहम मुल्ज़िम रामसिंह की मौत पर पुतास्सिरा के घर वालो ने सुकून की सांस ली है और इस बात का इत्मीनान है कि जिस शख्स ने उनकी बेटी के साथ गैर इंसानी तखलीख़ को अंजाम दिया था। उसने खुद को सजा देकर कुदरत के इंसाफ को साबित किया है।

उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है। बाकी काम कानून करेगा। हालांकि, मां ने राम सिंह की खुदकुशी पर कोई भी रद्दे अमल नहीं की। जब उनसे पूछा गया कि इस वाकिया ने पुराने जख्मों को फिर से ताजा कर दिया है तो उन्होंने बड़ी बेबसी के साथ कहा कि अभी तक पुरानी यादें मिटी नहीं हैं। पुराने जख्म अभी भी ताजा हैं।

बिटिया के भाई ने कहा कि अगर कानून उसे सजा देता तो ज्यादा अच्छा होता और मुकामी लोगों का भी यहीं कहना है। मुकामी आरडब्ल्यूए के प्रधान राजेश ओझा ने कहा कि उसने ( राम सिंह) बेहद आसान तरीके से खुद को आजाद कर लिया है। उसे कानून सजा देता तो लोगों को ज्यादा इतमीनान होता।