मुत्तहदा अरब इमारात जो अमरीका ज़ेरे क़ियादत मख़लूत इत्तिहाद में शामिल है जो जिहादियों से जंग कर रहा है, आज 83 दहश्तगर्द ग्रुप्स की फ़ेहरिस्त जारी कर चुका है। इन तन्ज़ीमों को दहश्तगर्दों के ज़मुरे में शामिल किया गया है। इस फ़ेहरिस्त को इमारात की काबीना ने मंज़ूरी दे दी है और इसे सरकारी ख़बररसां इदारा वाम ने शाय किया है।
इसी तरह का एक एलान मार्च में सऊदी अरब की जानिब से भी किया गया था। दहश्तगर्द ग्रुप्स की फ़ेहरिस्त में अलक़ायदा और दौलते इस्लामीया के इलावा इख़्वानुल मुस्लिमीन और यमन की नीम फ़ौजी तंज़ीम शामिल हैं। मुत्तहदा अरब इमारात कई इमाराती और मिस्री शहरियों को इख़्वानुल मुस्लिमीन के शोबे क़ायम करने की बिना पर सज़ाए कैद दे चुका है।
ये तंज़ीम मिस्र और सऊदी अरब में गैर कानूनी क़रार दी जा चुकी है। दोनों ममालिक ने इल्ज़ाम आइद किया है कि ये तहरीक ख़लीजी ममालिक की शाही हुकूमतों का तख़्ता उलटना चाहती है। मुत्तहदा अरब इमारात ने आज क़तर में क़ायम बैनुल अक़वामी यूनीयन बराए उल्माए दीन को भी जिस के सदर इख़्वानुल मुस्लिमीन के रुहानी रहनुमा शेख यूसुफ़ अल क़रज़ावी हैं, दहश्तगर्दों की फ़ेहरिस्त में शामिल कर चुका है।
मुत्तहदा अरब इमारात की अल सलाह सोसाइटी भी इस फ़ेहरिस्त में शामिल है। इस सोसाइटी के कई अरकान कैद किए जा चुके हैं। लेकिन लेबनान की ताक़तवर इरानी हिमायत याफ़्ता अस्करीयत पसंद तंज़ीम हिज़्बुल्लाह को इस फ़ेहरिस्त में शामिल नहीं किया गया है।