आंध्र प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने रियासत को मुत्तहिद रखने के लिए फिर एक मर्तबा पुरज़ोर वकालत करते हुए आज मर्कज़ से मुतालिबा किया कि अवाम के मुख़्तलिफ़ मसाइल की यकसूई किए बगै़र वो तक़सीम के अमल पर कोई पेशेरफ्त पैदा न करे।
चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि वो चाहते हैंके मर्कज़ी हुकूमत आबी तक़सीम, रोज़गार, तालीम और हैदराबाद के मौक़िफ़ जैसे अहम अवामी मसाइल को रोके रखे।
उन्होंने मर्कज़ से मुतालिबा किया कि अगर रियासत को बहरहाल तक़सीम करना ही है तो दूसरा रियास्ती तंज़ीम जदीद कमीशन तशकील दिया जाये जिस का कांग्रेस ने 2004 के चुनाव के मौके पर अपने मंशूर में वाअदा किया था।
किरण कुमार रेड्डी ने आज यहां एक प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब के दौरान याद दिलाया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने आंध्र प्रदेश की तक़सीम के लिए 60 दिन पहले अपने एक फ़ैसले का एलान किया था लेकिन मर्कज़ी हुकूमत इस ज़िमन में अवाम की तरफ से उठाए गए मुख़्तलिफ़ मसाइल का हनूज़ कोई जवाब नहीं दे सकी है।
चीफ़ मिनिस्टर ने सवाल किया कि तक़सीम के अमल पर आख़िर किस तरह फैसला कीयजा सकता है? जबकि दरियाई पानी की तक़सीम, रोज़गार, तरक़्कीयां-ओ-तबादले, तालीम & ये चंद एसे मसाइल हैं जिन्हें किस तरह हल किया जा सकता है?।
किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत को चाहीए कि वो अवामी तशवीश का अज़ाला किए बगै़र तक़सीम के अमल पर कोई फैसला ना करे।
ताहम किरण कुमार रेड्डी ने इस तास्सुर का इज़हार भी किया कि मज़कूरा बाला मसाइल की नौईयत कुछ एसी है जो कभी हल ही नहीं किए जा सकते।
चुनांचे रियासत की तक़सीम कोई आसान काम नहीं होगी। उन्होंने दावा किया कि वो (आंध्र प्रदेश की तक़सीम से मुताल्लिक़) कांग्रेस वर्किंग कमेटी के फ़ैसले का एहतेराम करते हैं ताहम ये दरख़ास्त भी करते हैंके रियास्ती अवाम के वसीअ तर मुफ़ाद की ख़ातिर सी डब्लयू सी अपने फ़ैसले पर नज़रसानी करे।
किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि वो मुत्तहदा आंध्र प्रदेश की ख़ातिर अपने ओहदे की क़ुर्बानी देने के लिए तैयार हैं, इस के साथ ये दावा भी किया कि वो किसी भी सूरत में कांग्रेस में ही बदस्तूर बरक़रार रहेंगे।